तीसरे चरण से होगी जोरदार लड़ाई
लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार अभियान का कोई सानी नहीं है। प्रधानमंत्री हर रोज औसतन तीन या चार जनसभा अथवा रोड शो कर रहे हैं। पिछले पांच दिनों में उन्होंने करीब 25 जनसभाएं की हैं।
दो चरणों के मतदान के बाद 191 सीटों पर प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में रिकार्ड हो चुका है। लेकिन अब चुनाव धीरे-धीरे उस ओर बढ़ रहा है, जहां 2019 में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने रिकॉर्ड सफलता पाई थी। इसलिए तीसरे चरण के लिए 7 मई को 94 सीटों के लिए होने वाले मतदान तक लोकसभा चुनाव 2024 के पूरे रंग में आ जाने के आसार हैं। तीसरे चरण में असम की 4, बिहार की 5, छत्तीसगढ़ की 7, मध्यप्रदेश की 9, महाराष्ट्र की 11, दादर-नगर हवेली और दमन-दीव में दो सीटें, गोवा की 2 सीटें, कर्नाटक की शेष बची 14, जम्मू-कश्मीर की 1 सीट, प. बंगाल की 4, गुजरात की 25 और उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए मतदान होना है।
इनमें मध्यप्रदेश की बैतूल सीट से बसपा प्रत्याशी के निधन के बाद चुनाव आयोग ने मतदान स्थगित कर दिया है। चुनाव के चरणों के हिसाब से देखें, 2019 के मुकाबले 2024 के पहले चरण की 102 सीटों में से एनडीए ने 49 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि विपक्ष के खाते में 45 सीटें आई थीं। दूसरे चरण की 88 सीटों में एनडीए को 58 पर सफलता मिली थी। भाजपा ने अकेले 50 सीटें जीत ली थीं। इसमें कांग्रेस को 21 और अन्य विपक्ष को 9 सीटों पर सफलता मिली थी। देखना होगा कि 2024 में सत्ता पक्ष और विपक्ष में कौन पुराने आंकड़े में कितना बदलाव कर पाता है।
विपक्ष के पास सीटें पाने और सत्ता पक्ष के पास बचाने की चुनौती
तीसरे चरण में 94 में से 93 सीटों पर 7 मई को मतदान होगा। तीसरे चरण में चुनाव प्रचार काफी तेज होने के आसार हैं। इनमें से 2019 में अधिकांश सीटें एनडीए के पाले में थीं। तीसरे चरण में ही गुजरात की सभी 26 सीटों के लिए मतदान होना है। सभी भाजपा के पास थीं। मध्यप्रदेश की सभी 08, बिहार की 05, छत्तीसगढ़ की 7 में 6 सीट भाजपा के पास थीं। केवल कोरबा से कांग्रेस को सफलता मिली थी। महाराष्ट्र की सभी 11 सीटों पर भाजपा के सामने इस बार चुनाव में कड़ी चुनौती है। कर्नाटक की 14 सीटों की चुनौती ने भी भाजपा का पारा चढ़ा रखा है। सामने हार और जीत की लड़ाई है। तीसरे चरण में उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर मतदान होना है। इनमें समाजवादी पार्टी के पास संभल और मैनपुरी की सीट थी। हालांकि 2019 में 8 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी सफल हुए थे। ऐसे में देखना होगा कि विपक्ष तीसरे चरण में भाजपा और उसके सहयोगी दलों से कितनी सीटें छीन पाता है।