सरकारी एप्स के नाम पर अब कोई नहीं कर सकेगा धोखाधड़ी

सरकारी एप्स के नाम पर अब कोई नहीं कर सकेगा धोखाधड़ी
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गूगल न अब धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकारी एप्स पर एक मार्क में लगना शुरू कर दियाताकि लोग उसकी पहचान कर सके। सरकारी एप्स केनाम पर


सरकारी ऐप्स के कारण हमारे बहुत से काम आसान हो गए हैं। कई ऐसी सुविधाएं हैं जो घर बैठे ही ऑनलाइन ऐप्स के जरिये मिल जाती हैं। लेकिन कई बार गूगल प्ले स्टोर से हम फर्जी ऐप भी डाउनलोड कर लेते हैं, जिनके चक्कर में अपना नुकसान करवा बैठते हैं।

लेकिन अब सरकारी ऐप्स की पहचान करना पहले के मुकाबले थोड़ा आसान हो गया है। एक ऐसा तरीका है जो मिनटों में बता देगा कि कौन सा ऐप फर्जी है और किसको इंस्टॉल करना चाहिए।अब सरकारी ऐप्स की पहचान करना आसान हो गया है। दरअसल, पहले क्या होता था कि हम सरकारी ऐप समझकर किसी फर्जी ऐप को इंस्टॉल कर लेते थे और फिर उसमें हमारी कई डिटेल भी चली जाती थी। लेकिन, अब Google ने ऐसे ऐप्स की पहचान करने के लिए एक अच्छा काम किया है। सरकारी ऐप्स पर अलग से मार्किंग कर दी जाएगी। जिससे इनकी पहचान करना आसान होगा।

अब अगर आप गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) से कोई सरकारी ऐप इंस्टॉल करते हैं तो आपको दिखाया जाएगा कि ये ऐप सरकारी है। लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था। ऐसा गूगल ने स्कैम और फ्रॉड्स पर लगाम लगाने के मकसद से किया है। यूजर्स को असली-नकली ऐप की पहचान करने के लिए अब ज्यादा दिमाग नहीं लगाना होगा। बल्कि सिर्फ एक मार्क देखना होगा। अगर वह है तो ऐप सही है और नहीं है तो नकली।

ये बैज देखे पहले

अगर आप गूगल प्ले स्टोर से कोई सरकारी ऐप इंस्टॉल करते हैं तो आपके सामने प्ले वेरिफाइड दिस ऐप इज एफिलियेटेड विद अ गवर्मेंट यानी ये ऐप सरकारी है और इसे आप इंस्टॉल कर सकते हैं। अगर ऐसा मार्क नहीं आ रहा है तो समझ लें कि ऐप फर्जी है


ऐसा करने के पीछे गूगल का मकसद स्कैम और फ्रॉड पर लगाम लगाना है। गूगल का मानना है कि इससे यूजर्स फर्जी ऐप्स को सरकारी ऐप्स के नाम पर इंस्टॉल नहीं कर पाएंगे। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि गूगल ने ये सुविधा कई अन्य देशों में भी शुरू की है। करीब 2000 से अधिक सरकारी ऐप्स पर ऐसा मार्क दिखाया जाएगा

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