दिल्ली में महोत्सव होगा खास, अंगूर-पपीते आकार के होंगे मैंगो; देश के उत्पादक ले रहे हिस्सा

दिल्ली हाट में पांच से सात जुलाई को 33वां आम महोत्सव आयोजित होगा। इसमें अंगूर से लेकर पपीते के आकार तक के आम को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें लंगड़ा, चौसा, फजरी, रतौल, हुसैनआरा, रामकेला, केसर, मल्लिका, आम्रपाली जैसी आम की खास किस्में शामिल रहेंगी।

आम खाओ प्रतियोगिता होगी

आम महोत्सव में आम से बने उत्पादों की बिक्री भी होगी, महिला व पुरुष वर्ग में आम खाओ प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी, बच्चों के लिए आम के विषय पर प्रश्नोत्तरी, मैंगों स्लोगन प्रतियोगिता एवं आम विषय पर मास्टर-क्लास का आयोजन भी किया जाएगा। इसके अलावा उत्सव में हस्तशिल्प एवं हथकरघा वस्तुओं की अलग से बिक्री होगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी हरदिन सायं किया जाएगा। यह उत्सव दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक चलेगा। महोत्सव स्थल तक आने व जाने के लिए तिलक नगर मैट्रो स्टेशन से फ्री शटल सेवा दिल्ली पर्यटन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। दिल्ली के पर्यटन मंत्री सौरभ भारद्वाज पहले दिन इसका उद्घाटन करेंगे

देशभर के आम उत्पादक ले रहे हिस्सा

इस बार आम महोत्सव में पारंपरिक आम बागवान, सरकारी व गैर सरकारी संस्थाएं भी बड़-चढ़कर भाग ले रही हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान कर्नाटक, भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्था पूसा नई दिल्ली, सैन्ट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सब-ट्रापीकल हार्टिकल्चर रहमान खेरा लखनऊ, जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय भागलपुर, बागवानी निदेशालय सहारनपुर उत्तर प्रदेश, बागवान तारिख मुस्तफा मुज्जफरपुर( लखनऊ), पद्मश्री कलिमुल्ला खान मलिहाबाद लखनऊ, मलिहाबाद मैंगो फार्मर प्रोडक्शन कंपनी (लखनऊ), सोसायटी फॉर कन्जर्वेशन ऑफ मेंगोस, किशन मैंगो सोसायटी (सरसंदा) मलिहाबाद लखनऊ, सत्यप्रकाश त्यागी (बुलंदशहर), अखलक अली, दया किशन शर्मा (बिजनौर), रणवीर सिंह चैहान (सहारनपुर), मो हनीफ, मो फरीद (शिबू), मो साहिद (अम्बरपुर) इत्यादि भी उत्पादक के तौर पर भाग ले रहे हैं।

आम उत्पादकता को नया आयाम मिल रहा

आम को इस देश में खास फलों का राजा कहा जाता है, दिल्ली पर्यटन विभाग हर साल दिल्ली में आम उत्सव का आयोजन करता है। बीते सालों में आम उत्सव ने अद्भुत लोकप्रियता अर्जित की है। यह उत्सव भारत में आम उत्पादकता को एक नया आयाम देने के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है। लोगों को आम की विभिन्न किस्मों से अवगत कराने। छोटे-बड़े आम उत्पादकों और निर्यातको को एक मंच पर लाने, किसानों को आम की विभिन्न प्रजातियों की पैदावार के लिए प्रोत्साहित करने और नई किस्में जन साधारण के बीच ले आने के उद्देश्य से ये उत्सव बेहद महत्वपूर्ण है।

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