सावधान- चांदीपुरा वायरस का कहर, अब तक आठ बच्चों की मौत

अहमदाबाद

कोरोना वायरस के बाद गुजरात में ‘चांदीपुरा’ नामक वायरस ने दस्तक दी है। गुजरात के साबरकांठा और अरावली जिलों में चांदीपुरा वायरस का कहर मासूम बच्चों की जान ले रहा है। इससे संक्रमित होने से 2 दिन के भीतर चार बच्चों की मौत का दावा किया जा रहा है। इनकी मौत साबरकांठा सिविल अस्पताल में हुई है। सरकार ने अभी तक चांदीपुरा वायरस की पुष्टि नहीं की है। बच्चों के सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। लूणावाड़ा और हिम्मतनगर में एक-एक बच्चे की मौत हो गई। गुजरात में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है।

पूरे राज्य में मंगलवार तक कुल मरने वाले बच्चों की संख्या आठ तक पहुंच गई है। वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम एक्टिव हो गई और जांच भी शुरू कर दी है। इस वायरस से 9 -14 वर्ष की उम्र के बच्चे प्रभावित होने की सबसे अधिक संभावना है। स्वास्थ्य विभाग की 300 टीमें अलग-अलग गांवों में सर्विलांस का काम कर दवा का छिड़काव कर रही हैं।

चांदीपुरा वायरस क्या है?

यह कोई नया वायरस नहीं है। इसका पहला मामला 1965 में महाराष्ट्र के नागपुर जिले के चांदीपुर में सामने आया था। इस वायरस से महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश के कुछ इलाके प्रभावित हैं। यह एक आरएनए वायरस है। इसके संक्रमण से रोगी मस्तिष्क ज्वर (एन्सेफलाइटिस) का शिकार हो जाता है। यह मच्छरों और मक्खियों जैसे रोगवाहकों से फैलता है।

वायरस किसे संक्रमित कर सकता है?

चांदीपुरा वायरस बच्चों को अपना शिकार बनाता है। यह मुख्य रूप से 14 साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है। संक्रमण तब फैलता है जब वायरस मक्खी या मच्छर के काटने या उनकी लार के संपर्क के माध्यम से रक्त तक पहुंचता है। वायरस से संक्रमित बच्चों के मस्तिष्क में सूजन समेत कई अन्य लक्षण दिखने लगते हैं। स्वास्थ्य विभाग संक्रमित बच्चों के परिजन का भी सैंपल ले रही।

छह जिलों में मिले केस

स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि साबरकांठा, अरावल्ली, महिसागर, खेड़ा, मेहसाणा और राजकोट जिलों से इसके मामले सामने आए हैं। पटेल ने बताया कि पड़ोसी राज्यों के तीन मरीज़ों (राजस्थान के दो और मध्य प्रदेश के एक मरीज़) का भी गुजरात के अस्पतालों में इलाज किया है।

राजस्थान के दो में से एक की मौत हो गई। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित जिलों की गहन निगरानी जारी कर दी है। सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं उप-जिला अस्पतालों के साथ-साथ मेडिकल कॉलेजों को विशेष परामर्श जारी किया कि वे मिलते-जुलते लक्षणों वाले संदिग्ध मामलों को चांदीपुरा वायरस मानें और सावधानी रखें। एहतियात के तौर पर 26 आवासीय क्षेत्रों के 8,600 घरों में 44,000 से अधिक लोगों की जांच की गई है।

वायरस के लक्षण ?

संक्रमित मरीज को तेज बुखार होता है। इसमें फ्लू जैसे लक्षण होते हैं और एन्सेफलाइटिस की शिकायत होती है। इस वायरस से संक्रमित मरीजों में उल्टी, गर्दन में ऐंठन और सिरदर्द आम लक्षण हैं।

वायरस से बचाव के लिए क्या करें?

विशेषज्ञों के अनुसार बचने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में जाने से परहेज करना चाहिए। मच्छरों के प्रकोप को रोकने के लिए समय-समय पर छिड़काव जरूरी। संक्रमण के लक्षण लगते ही डॉक्टर से परामर्श लेना। डॉक्टर के अनुसार इसके इलाज के लिए अभी तक कोई एंटी-वायरल दवा विकसित नहीं की गई है। इस बीमारी में डॉक्टर लक्षण के अनुसार दवा देते हैं। संक्रमण का समय पर पता लगाने और जल्द ही उपचार करने से खतरा कम हो सकता। इसकी मृत्यु दर 75% तक है। यह वायरस इसलिए खतरनाक क्योंकि सीधे दिमाग पर असर करता है।

Next Story