भाजपा का आरोप- विदेशी हैंडलर चला रहे कांग्रेस प्रमुख का फेसबुक अकाउंट; प्रियांक खरगे ने किया पलटवार

भाजपा का आरोप- विदेशी हैंडलर चला रहे कांग्रेस प्रमुख का फेसबुक अकाउंट; प्रियांक खरगे ने किया पलटवार
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कर्नाटक भाजपा ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे का सोशल मीडिया विदेशी हैंडलर प्रबंधित (मैनेज) कर रहे हैं। यह आरोप एक वेरिफाइड फेसबुक पेज को लेकर लगाया गया है। खरगे के बेटे प्रियांक ने इसे फर्जी बताते हुए खारिज कर दिया है। उन्होंने फेसबुक से इस पेज को हटाने का अनुरोध किया है।


राज्य भाजपा ने कहा, मल्लिकार्जुन खरगे वक्फ की जमीन हड़पने के मामले में चर्चा में हैं, अब वह विदेशी हैंडलर के नियंत्रण में हैं। हम हमेशा कांग्रेस की जाति-आधारित राजनीति में विदेशी प्रभाव के बारे में चेतावनी देते रहे हैं और यह इस बात को पुष्ट करता है। क्यों खरगे जी? इसने मल्लिकार्जुन खरगे के नाम से बने फेसबुज पेज के पेज इन्फोर्मेशन का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए आगे पूछा, आप अपने लोगों के बजाय विदेशी प्रबंधकों पर क्यों भरोसा कर रहे हैं? भारत ने आपको जो दिया है, उसके बाद यह विश्वासघात क्यों?


मल्लिकार्जुन खरगे के नाम वाले फेसबुक पेज की पेज इन्फोर्मेशन में लिखा है- इस पेज का प्रबंधन करने वाले लोगों का प्राथमिक देश/क्षेत्र स्थान नॉर्वे है। मल्लिकार्जुन खरगे राज्य सभा में विपक्ष के नेता भी हैं। भाजपा के पोस्ट पर पलटवार करते हुए कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि भाजपा दावा करती है कि उनके पास भारत के इतिहास के सबसे प्रभावी गृह मंत्री (अमित शाह) हैं। लेकिन भाजपा यह तय नहीं कर पा रही है कि विपक्ष के नेता का खाता असली है या नहीं।

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, मैं भाजपा की आईटीसेल के निरंतर प्रयासों की सच्ची सराहना करता हूं। सिर्फ दो रुपये में उन्होंने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ एक दुर्भावनापूर्ण सोशल मीडिया अभियान शुरू किया है। स्पष्ट कर दूं, खरगे के पास केवल दो आधिकारिक सोशल मीडिया खाते हैं। प्रियांक ने कांग्रेस अध्यक्ष के एक्स खाते और व्हाट्सएप चैनल का लिंक भी साझा किया।

उन्होंने आगे कहा, जरूरी राष्ट्रीय मुद्दों पर फोकस करने के बजाय भाजपा एक मृत फेसबुक पेज की जांच करने में लगी हुई है, जो 2020 से सक्रिय नहीं है और एक अज्ञात ईमेल से जुड़ा है। उन्होंने आगे कहा, चूंकि हमें नहीं पता कि इसके पीछे कौन है, इसलिए हमने आधिकारिक रूप से फेसबुक से इसे हटाने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, फेसबुक का ब्लू टिक भुगतान करके आसानी से हासिल किया जा सकता है।

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