एक पति की तीन पत्नियां, तीनों एक साथ सेलिब्रेट करती हैं करवा चौथ

एक पति की तीन पत्नियां, तीनों एक साथ सेलिब्रेट करती हैं करवा चौथ
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सतना। किस्से कहानियों में आपने एक पति की तीन पत्नियां या एक पत्नी के पांच पतियों की कहानी जरूर सुनी होगी, लेकिन आज के दौर में ऐसा करना काफी मुश्किल है। चित्रकूट में एक परिवार ऐसा ही है, जहां एक व्यक्ति की तीन-तीन पत्नियां हैं। यह तीनों ही पत्नियां एक साथ करवा चौथ (Karva Chauth) का व्रत रखती हैं। चलनी में से चांद और पति का दीदार एक साथ करती हैं। पति भी तीनों को एक साथ पानी पिलाकर व्रत खुलवाता है।

यह अनोखा मामला सतना जिले के चित्रकूट का है। उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित चित्रकूट का यह परिवार अनोखा है। आज के दौर में लोगों से एक पत्नी नहीं संभलती है, लेकिन कृष्णा नामक इस युवक की तीनों पत्नियां मिलकुलकर रहती हैं। तीनों पत्नियां आपस में सगी बहनें हैं, इनके नाम हैं शोभा, रीना और पिंकी। तीनों बहनों ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर हैं। तीनों बहनों ने 12 वर्ष पहले एक साथ पति के रूप में कृष्णा को स्वीकार किया था। तीनों पत्नियां अपने पति को भगवान की तरह दशरथ का अवतार मानती हैं। जब भी करवा चौथ (Karwa Chauth) आता है इस परिवार की तस्वीर वायरल हो जाती है। इस बार भी यह तस्वीर वायरल हो रही है।

यह अनोखा मामला

यह तीनों बहनें एक ही युवक से शादी करते बेहद खुश रहती हैं। बल्कि सुहाग की लंबी उम्र का यह त्योहार भी साथ-साथ मनाती हैं। जो भी सुनता है उन्हें आश्चर्य ही होता होगा कि इस जमाने में जब एक पति और एक पत्नी आपस में खुश नहीं रह पाते, ऐसे में एक पति के साथ तीन पत्नियां कैसे खुश रह सकती हैं। एक साथ तीन बहनों का एक पति के साथ रहना दुनिया में अनोखा मामला है।


दशरथजी हैं इनके आदर्श

अयोध्या के राजा दशरथ को आदर्श मानकर चित्रकूट की तीन सगी बहनों ने एक ही युवक से न केवल शादी की बल्कि सुहाग के पर्व करवा चौथ भी कई वर्षों से मिलजुलकर मनाती आ रही हैं। पश्चिम सभ्यता के बढ़ते चलन से जहां भारत में संयुक्त परिवारों की प्राचीन परंपरा का अस्तित्व खत्म हो रहा है वहीं तीन बहनों ने 15 साल से ज्यादा शादी चलाकर समाज को नया संदेश दिया है।

समाज की कही बातों को झुठलाया

लोग कहते हैं कि इनका विवाह 15 साल पहले उस समय चर्चा में आया था जब तीन बहनों ने कृष्णा के साथ शादी की थी। इसके बाद नाते-रिश्तेदार ताने मारने लगे थे। चारों तरफ से घिरे कृष्णा के परिवार को भी लोग बुरी नजर से देखने लगे थे। उस समय कहा जाता था कि यह विवाह ज्यादा दिन नहीं टिक सकता, लेकिन तीनों बहनों की समझदारी और सूझबूझ ने परिवार और समाज की बातों को झुठला दिया। यह तीनों बहने कृष्णा के साथ शादी करके न सिर्फ उनके साथ पूरे समर्पण के साथ जीवन बिता रही हैं, बल्कि उसे भगवान की तरह पूजती भी हैं।

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