संसदीय समिति के सवालों का सामना करने से क्यों कतरा रहीं सेबी प्रमुख? राहुल गांधी ने पूछा सवाल

संसदीय समिति के सवालों का सामना करने से क्यों कतरा रहीं सेबी प्रमुख? राहुल गांधी ने पूछा सवाल
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच के संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के सामने हाजिर न होने पर सवाल उठाया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पूछा कि बुच समिति के सवालों का सामना करने से क्यों कतरा रही हैं और उन्हें बचाने के पीछे कौन है?

वहीं, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने भी 'एक्स' पर एक पोस्ट में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह सेबी अध्यक्ष को अपनी गलतियों को छिपाने के लिए एक ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है। खरगे ने कहा कि बुच को पीएसी के सामने सवालों का जवाब देना होगा, क्योंकि यह एक संवैधानिक संस्था है।

खरगे ने कहा, पीएसी को किसी भी सरकारी जांच से जुड़े किसी अधिकारी को बुलाने का संवैधानिक अधिकार है। सेबी की स्वायत्तता की रक्षा करने और संसद के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बुच को पीएसी के सामने जवाब देना होगा।सेबी प्रमुख बुच गुरुवार को पीएसी की बैठक के सामने हाजिर नहीं हुईं, जिसके बाद समिति के प्रमुख के.सी.वेणुगोपाल ने बैठक को रद्द कर दिया। एनडीए के सदस्यों ने उन पर एकतरफा फैसला लेने का आरोप लगाया और लोकसभा स्पीकर के पास अपना विरोध दर्ज कराया।

समिति की बैठक के दूसरे सत्र में भी काम नहीं हुआ। इस दौरान भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राइ) के अध्यक्ष थोड़ी देर के लिए हाजिर हुए। एनडीए के सदस्यों न वेणुगोपाल से आग्रह किया कि एजेंडे के मुद्दों पर वोटिंग की अनुमति दी जाए। लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी सांसदों ने इसका विरोध किया। वेणुगोपाल ने कहा कि पहले से स्वीकृत विषयों पर वोटिंग नहीं हो सकती है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि बुच को फिर से बुलाया जा सकता है।

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