भारत ने जर्मनी के सामने उठाया अरिहा शाह की हिरासत का मुद्दा, जाने क्या है पूरा मामला?

भारत ने जर्मनी के सामने उठाया अरिहा शाह की हिरासत का मुद्दा, जाने क्या है पूरा मामला?
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शु्क्रवार को नई दिल्ली में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच तीन साल की भारतीय बच्ची अरिहा शाह के मामले पर भी चर्चा हुई। अरिहा बीते कई साल से माता-पिता और परिवार से दूर जर्मनी सरकार के देखभाल में है। इसे फोस्टर केयर कहा जाता है।

फोस्टर केयर का मतलब क्या है

किसी बच्चे को उसके माता-पिता या परिवार से दूर रखखर किसी दूसरे परिवार या व्यक्ति के साथ अस्थायी रूप से रहने दिया जाता है। यह तब किया जाता है जब बच्चे का परिवार में रहना संभव नहीं होता है। ऐसा उसकी सुरक्षा या भलाई के लिए किया जाता है। फोस्टर केयर में बच्चे को नया माहौल मिलता है, जहां उसकी देखभाल की जाती है। लेकिन यह अस्थायी होता है। उम्मीद की जाती है कि एक दिन बच्चा अपने परिवार के पास लौट सके।


इस मामले पर विदेश सचिव ने क्या कहा

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया को बताया कि शोल्ज ने आश्वासन दिया है कि कि वह इस मुद्दे पर बहुत करीब से नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा, हम इस मामले की बहुत करीब से निगरानी कर रहे हैं। हमारे दूतावास ने बर्लिन में इस मुद्दे को उठाया था। जब विदेश मंत्री कुछ हफ्ते पहले जर्मनी में थे, तब उन्होंने अपने समकक्ष के साथ इस मुद्दे को उठाया था। मिस्री ने कहा, मैं पुष्टि कर सकता है कि आज की बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया। हमने हर स्तर पर जर्मन पक्ष के सामने यह जोर दिया है कि एक भारतीय बच्चों का ऐसे माहौल में बड़ा होना स्वाभाविक नहीं है, क्योंकि उसका सांस्कृति, धार्मिक और भाषाई वातावरण अलग होता है। इस स्थिति को संबोधित करने की आवश्यकता है।

अरिहा शाह कौन हैं और यह मामला क्या है?

अरिहा शाह गुजरात के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर भावेश शाह और उनकी पत्नी धारा शाह की बेटी हैं। दोनों 2018 में बर्लिन रहने के लिए चले गए। 2021 में इस जोड़े ने अरिहा को जन्म दिया। परिवार के मुताबिक, अरिहा जब सात महीने की थी, तब उसके एक प्राइवेट पार्ट पर एक आकस्मिक चोट लगी। जब अरिहा को अस्पताल ले जाया गया, तो जर्मन अधिकारियों ने इसे यौन हमले का मामला समझ लिया। इसके बाद जर्मनी के युवा कल्याण कार्यालय की निगरानी में रखा गया। जहां उसके माता-पिता को हर हफ्ते केवल दो मिलने की अनुमति थी। परिवार के आग्रह पर भारत सरकार ने लगातार जर्मन अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाया। बच्ची का फोस्टर केयर में रहना द्विपक्षीय संबंधों में तनाव का कारण बन गया।

माता-पिता पर लगे आरोप हटाए गए, वापस नहीं की बच्ची

इसके बाद जर्मन अधिकारियों ने यौन हमले के आरोप हटा दिए। लेकिन लापरवाही के लिए उसके माता-पिता को जिम्मेदार ठहराया। माता-पिता के खिलाफ 2022 में सभी आरोप बंद कर दिए गए और औपचारिक तरीके से कोई आरोप नहीं लगाए गए। हालांकि, अरिहा को अभी भी उसके माता-पिता को वापस नहीं दिया गया है। बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देने वाली एजेंसी जगेनडाम्प्ट ने अरिहा की देखभाल के लिए मामला दायर किया है। हालांकि, भारत सरकार ने यह कहते हुए बच्ची की जल्द वापसी के लिए जोर दिया है कि बच्ची का उसके भाषाई, धार्मिक, सांस्कृति और सामाजिक वातावरण में रहना महत्वपूर्ण है।

पिछले साल दिसंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत की चिंता यह है कि अरिहा को उसके सांस्कृतिक और सामाजिक वातावरण में होना चाहिए। जयशंकर ने बताया था कि भारत का दूतावास इस मामले को जर्मन अधिकारियों के सामने उठा रहा है।

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