जयशंकर बोले- भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में और मजबूत करना होगा अपना स्थान, कदम उठा रही सरकार
मुंबई में आयोजित आदित्य बिड़ला छात्रवृत्ति रजत जयंती समारोह में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वैश्विक आपूर्ति श्रृखंलाओं और भारत के लिए बढ़ते अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनिया को बताया कि अगर हम एक सीमित भौगोलिक क्षेत्र पर अधिक निर्भर रहते हैं, तो वह खतरनाक हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक उत्पादन और बाजार पर राजनीतिक दबाव ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है। दुनियाभर में आपूर्ति श्रृखंलाओं को अधिक भरोसेमंद और सुरक्षित बनाने की जरूरत है।
'डेटा प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा का बढ़ा महत्व'
जयशंकर ने कहा, आज के डिजिटल युग में डेटा की सुरक्षा और साइबर सुरक्षा का महत्व और बढ़ गया है। अब यह देखना जरूरी है कि कौन आपका डाटा निकाल रहा है, उसे प्रोसेस कर रहा है और उसे कैसे उपयोग कर रहा है। डेटा प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा अब वैश्विक प्राथमिकताओं के रूप में उभरी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास अब एक अवसर है, जिसका पहले वह पूरी तरह इस्तेमाल नहीं कर पाया था। यह अवसर विनिर्माण क्षेत्र में अधिक उत्पादन बढ़ाने का है। उन्होंने जोर देकर कहा, भारत को अब वह ढांचा और लॉजिस्टिक तैयार करना होगा, जिससे औद्योगिकी उत्पादन को बढ़ावा मिले। इसके साथ ही में हमें मानव संसाधनों की भी जरूरत है, जो उत्पादन को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना सकें।
'भारत की कहानी सराह रही दुनिया'
अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने भारत के वैश्विक मंच पर बढ़ते प्रभाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, आज पूरी दुनिया भारत की कहानी को सराह रही है। हम इसे रोजाना महसूस करते हैं। लेकिन यह जानना जरूरी है कि दुनिया अब भारत में क्या अलग देख रही है। यह एक नया हवाई अड्डा हो सकता है, एक नई मेट्रो प्रणाली या बेहतर रेल यात्रा हो सकती है। उन्होंने देश की नीतियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि नीतिगत स्तर पर यह कोशिश की जा रही है कि व्यापार करना आसान हो, नागरिकों का जीवन आसान हो और समाज में नौकरशाही कम हो। हमारी नीतियां नागरिकों में जागरूकता बढ़ा रही हैं और मानव संसाधन के विकास को बेहतर बना रही हैं।
'वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत करना होगा अपना स्थान'
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपने स्थान को और मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा, दुनिया अब एक प्रतिस्पर्धा वाली जगह बन चुकी है और भारत के विकास को सुनिश्चित करने के लिए हमें अपने स्थान को और मजबूत करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि युवा पीढ़ी को बेहतर अवसर देने के लिए सरकार विभिन्न कदम उठा रही है, जिससे देश का भविष्य और उज्जवल हो सके। आदित्य बिड़ला समूह की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न इलाकों के छात्र और युवा पेशेवर शामिल हुए।
'पीएम मोदी मेरे बॉस, हर दिन होती है मेरे प्रदर्शन की समीक्षा'
कार्यक्रम में सवाल जवाब सत्र के दौरान जयशंकर से जब पूछा गया कि पीएम नरेंद्र मोदी आपके किस तरह के बॉस हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मेरे काम की रोजाना समीक्षा होती है। सच कहूं तो, मेरे बॉस काफी मेहनती और मेहनत की उम्मीद करने वाले हैं। वह हर काम की पूरी तैयारी करते हैं और चाहते हैं कि जब आप उनसे किसी मुद्दे पर बात करें तो आप भी पूरी तैयारी करके आएं। आपको अपने तर्क देने के लिए ठोस जानकारी और आंकड़े साथ लाने होते हैं। दूसरी बात, वह बहुत संवाद करने वाले बॉस हैं। उनके साथ काम करना अच्छा लगता है, क्योंकि वह फैसला लेने के बाद आपको काम करने की पूरी आजादी देते हैं। जैसे यूक्रेन संकट के दौरान उन्होंने तुरंत फैसला लिया कि हमें अपने लोगों को वहां से सुरक्षित निकालना है। उन्होंने कहा कि जो भी करना हो करो, वायु सेना का उपयोग करो, नागरिक विमान का इस्तेमाल करो, लोगों से बात करो। अगर जरूरत पड़ी तो वह खुद फोन पर बात करने के लिए तैयार थे। उन्होंने हमें पूरी तरह से काम करने का मौका दिया। उनके साथ काम करने का अनुभव अच्छा है। वह काम का ध्यान रखते हैं। लेकिन हर छोटी चीज में दखल नहीं देते।'