बाबा सिद्दीकी मर्डर केस का मास्टरमाइंड श्रद्धा वाकर का लेना चाहता था बदला, आफताब की हत्या की फिराक में था
नई दिल्लीः मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के मास्टरमाइंड शुभम लोनकर को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. शुभम लोनकर ने दिल्ली कोर्ट में अफताब पूनावाला की हत्या के लिए एक महीने तक रेकी की थी.
आरोपी शुभम लोनकर ने श्रद्धा वाकर हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपी आफताब पूनावाला की हत्या की योजना बनाई थी. शुभम लोनकर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़ा है. 2022 में दिल्ली के साकेत कोर्ट में आफताब पूनावाला की हत्या करने के लिए एक महीने तक लगातार प्लानिंग की थी.
हत्या के लिए मुंबई से दिल्ली बुलाया गया
आरोपी आफताब वर्तमान में तिहाड़ जेल नंबर 4 में बंद है. दिल्ली पुलिस की भारी सुरक्षा व्यवस्था के आगे हत्या का प्लान फेल हो गया. सूत्रों ने बताया कि आफताब को खत्म करने के लिए शुभम लोनकर को मुंबई से दिल्ली बुलाया गया. वर्ष 2022 में गिरफ्तारी के बाद से ही शुभम लोनकर आफताब की कोर्ट में पेशी के दौरान कोर्ट के आसपास दो शूटरों के साथ मौके की तलाश में था.
बिश्नोई गैंग के निशाने पर आफताब
इस बीच, तिहाड़ जेल प्रशासन ने शुक्रवार को मीडिया रिपोर्ट्स पर तत्काल संज्ञान लिया और आफताब पूनावाला के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी. बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए शिव कुमार गौतम ने कथित तौर पर पुलिस को एक चौंकाने वाला बयान दिया, जिसमें उन्होंने आफताब पूनावाला को मारने का इरादा व्यक्त किया. इसके अतिरिक्त, सूत्र इस बात की पुष्टि करते हैं कि आफताब अब लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के निशाने पर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह जेल के भीतर उसकी हत्या की साजिश रच रहा है. जेल अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि संभावित खतरे की जांच करते समय आफताब की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए.
श्रद्धा की बेरहमी से की थी हत्या: 18 मई, 2022 को महरौली इलाके में आफताब ने श्रद्धा वाकर की हत्या कर दी थी. उसके शरीर के हिस्सों को छतरपुर पहाड़ी इलाके के जंगल में फेंक दिया गया था. नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था. इस बीच, 23 जुलाई को, साकेत जिला न्यायालय ने श्रद्धा वाकर की हत्या के मामले को खारिज कर दिया और आरोपी आफताब अमीन पूनावाला की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपने वकील को अपना बचाव तैयार करने के लिए उचित समय देने के लिए हर महीने केवल दो बार सुनवाई करने की मांग की थी. अदालत ने कहा कि आरोपी जानबूझकर मुकदमे में देरी करने की कोशिश कर रहा है.
इसमें यह भी कहा गया कि जून 2023 से अभियोजन पक्ष के 212 गवाहों में से केवल 134 से पूछताछ की गई है. इसलिए, मुकदमे को जल्द खत्म करने के लिए लगातार तारीखों की जरूरत है. अदालत ने आफताब के खिलाफ हत्या और सबूतों को गायब करने के लिए आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत आरोप तय किए थे, जिसने खुद को दोषी नहीं बताया और मुकदमा चलाने का दावा किया.