भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करेंगे'; बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया यूनुस का बयान

बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के साथ शुरू हुई हिंसा की लहर आज तक बांग्लादेश में देखने को मिल रही है। इसी बीच बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने रविवार को कहा कि अंतरिम सरकार अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का प्रत्यर्पण भारत से मांगेगी। यूनुस का ये बयान उनके पिछले बयान के ठीक उलट है। जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार तत्काल हसीना के प्रत्यर्पण की मांग नहीं करेगी।

यूनुस ने यह बयान अंतरिम सरकार के 100 दिन पूरे होने पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में दिया। जहां उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार हर नागरिक की सुरक्षा, खासकर धार्मिक अल्पसंख्यकों की, सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। बता दें कि बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना हिंसा के दौरान अपनी सरकार गिरने के बाद भारत आ गईं थीं।


dहमें हर हत्या का न्याय दिलवाना होगा-यूनुस

मुख्य सलाहाकार यूनुस ने कहा कि हमें हर हत्या में न्याय दिलवाना होगा, हम भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग करेंगे। हंलाकि यह बयान उनके पिछले बयान से उलट था, जिसमें उन्होंने कहा था किउन्होंने यह भी बताया कि चुनाव आयोग का गठन जल्द किया जाएगा और चुनावी सुधारों के बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।

1500 लोगों के मौत का हिसाब

यूनुस ने यह भी बताया कि हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान लगभग 1500 लोग मारे गए थे और 19,931 लोग घायल हुए थे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हर एक मौत का विवरण इकट्ठा कर रही है और घायलों का इलाज भी सुनिश्चित कर रही है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उन मामलों की जांच कर रही है जिनमें धार्मिक अल्पसंख्यकों को हिंसा का शिकार होना पड़ा। उन्होंने कहा हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी नागरिक को हिंसा का शिकार न होना पड़े, चाहे वह हिंदू हो या कोई और।

हिंसक घटनाएं का कारण

मोहम्मद यूनुस ने कहा कि देश में कुछ हिंसक घटनाएं मुख्य रूप से राजनीतिक कारणों से हुईं और धार्मिक रूप से उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। बता दें कि हसीना की सरकार के खिलाफ छात्रों और अन्य लोगों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों के बाद, हसीना ने इस्तीफा दे दिया था और 5 अगस्त को भारत भाग गईं। उनका बाद में कहीं स्थानांतरण कर दिया गया, और तब से वह सार्वजनिक रूप से नहीं दिखीं।

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