बारामती में सियासी पारा हाई, शरद पवार बोले- यहां युवा विधायक की जरूरत; अजित ने किया पलटवार
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बारामती में सियासी पारा हाई रहा। बारामती में जहां एक ओर एनसीपी (शरद) के प्रमुख शरद पवार ने अपने पोते और प्रत्याशी युगेंद्र पवार के लिए वोट मांगे। उन्होंने कहा कि बारामती को युवा विधायक की जरूरत है। वहीं दूसरी ओर एनसीपी (अजित) के प्रमुख और बारामती से प्रत्याशी अजित पवार ने पलटवार किया। उन्होंने जनता से भावनात्मक अपील पर ध्यान न देते हुए विकास कराने वाले को चुनने का आग्रह किया। अजित पवार एनसीपी शरद के प्रत्याशी युगेंद्र के सगे चाचा हैं।
शरद पवार ने बारामती में अपने भतीजे अजित पवार को हराने के लिए मतदाताओं से कोई खुली अपील नहीं की। एनसीपी (शरद) की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने लोगों से युगेंद्र को भारी अंतर से विजयी बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि 1967 में आप लोगों ने मुझे बारामती से विधायक बनाया। मैं मंत्री और फिर मुख्यमंत्री बना। उसके बाद अजित दादा को नई पीढ़ी के प्रतिनिधि के रूप में आपकी सेवा करने का अवसर दिया गया। उन्होंने यहां 20 से 25 साल तक काम किया। पार्टी ने उन्हें मौका दिया। उन्हें एक बार नहीं, दो बार नहीं, बल्कि तीन बार उपमुख्यमंत्री बनाया गया। उन्होंने काम भी किया। मुझे कोई शिकायत नहीं है। लेकिन आगे क्या करना है?
उन्होंने कहा कि पहले मेरी पीढ़ी थी, बाद में अजित दादा की पीढ़ी थी और अब अगली पीढ़ी युगेंद्र पवार की है। उन्होंने युगेंद्र पवार को स्वच्छ छवि वाला विचारशील और उच्च शिक्षित राजनेता बताया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका मिलने के बाद युगेंद्र पवार ने बारामती तालुका के हर गांव में जाकर हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं के सामने आने वाले मुद्दों को समझने की कोशिश की। बारामती को युवा और मेहनती पीढ़ी की जरूरत है।
उधर, सत्तारूढ़ एनसीपी के प्रमुख अजित पवार ने दूसरे स्थान पर रैली में मतदाताओं से भावनात्मक अपीलों का शिकार न होने को कहा। डिप्टी सीएम ने कहा कि बारामती में उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपका वोट एनसीपी के उम्मीदवार के लिए है। भाजपा का समर्थन है। शरद पवार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वे भाजपा के साथ जाने के लिए मेरी आलोचना कर रहे हैं, लेकिन हमने महायुति बनाई है। उन्होंने एमवीए भी बनाया है। अगर आप भाजपा के समर्थन के खिलाफ हैं, तो क्या आपने शिवसेना का समर्थन नहीं लिया, जबकि आप जानते थे कि उनकी विचारधारा क्या है। यह चुनाव स्थानीय निकाय के लिए नहीं बल्कि राज्य के भविष्य को निर्धारित करने के लिए है।