प्रियंका पर खुद को साबित करने की चुनौती...क्या बनेंगी पार्टी की खेवनहार
जनयोद्धा रही, अब जनप्रतिनिधि बनने की राह पर हूं, पहली बार अपने लिए वोट मांग रही हूं....प्रियंका गांधी ने यह बात वायनाड सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान लोगों से आशीर्वाद और मार्गदर्शन देने की अपील करते हुए कही थी। क्षेत्र की जनता ने भी उन पर भरपूर प्यार लुटाया।
राहुल से ज्यादा सीटों से जीता चुनाव
प्रियंका ने इस सीट से पूर्व सांसद और अपने भाई राहुल गांधी से भी ज्यादा वोटों के अंतर( 4,10,931) से जीत हासिल की है। अब चर्चाएं तेज हैं कि क्या कांग्रेस की खेवनहार बन पाएंगी। प्रियंका के संसद में कदम रखने के बाद अब गांधी परिवार के तीन सदस्य एक साथ संसद में होंगे। कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि वह पार्टी को मुश्किल दौर से बाहर निकालने में सफल होंगी। दरअसल, प्रियंका का संसद में प्रवेश ऐसे समय हो रहा है जब पार्टी हाल में हरियाणा में हार के बाद अब महाराष्ट्र में भी कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई है।
इंदिरा गांधी की तरह तेजतर्रार वाली छवि
शक्ल-सूरत और बोलचाल के तरीके में समानता के कारण अक्सर उनकी तुलना दादी इंदिरा गांधी से की जाती है। यही नहीं उन्हें लोगों से जुड़ने, भीड़ के साथ बेहतर ढंग से संवाद स्थापित करने और कई मुद्दों पर पार्टी के दृष्टिकोण को स्पष्ट तरीके से सामने रखने में माहिर माना जाता है। ब्यूरो
पहले ही कहा था लंबा समय लगेगा
सितंबर 1999 में प्रियंका ने एक पत्रकार से कहा था कि उनके राजनीति में आने में बहुत लंबा समय लग सकता है। उन्होंने करीब 20 साल बाद 2019 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा और अब पांच साल बाद वह निर्वाचित जनप्रतिनिधि के तौर पर अपनी यात्रा शुरू कर रही हैं।
दादी की हत्या के बाद बाधित हुई पढ़ाई
प्रियंका का जन्म 12 जनवरी 1972 को नई दिल्ली में हुआ था। स्कूली शिक्षा देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल से हुई, लेकिन 1984 में दादी इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी। बाद में 1993 में दिल्ली विवि से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री ली। ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ संडरलैंड से बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है।
पहली बार अपने लिए मांग रही हूं वोट...मिला भी खूब
सक्रिय राजनीति में आने से पहले प्रियंका केवल अपनी मां और भाई के लिए चुनाव प्रचार करती रहीं। 2004 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी की चुनाव अभियान प्रबंधक रहीं।
23 जनवरी 2019 को पार्टी महासचिव पद संभालने के साथ औपचारिक तौर पर राजनीति में आईं और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनीं। 11 सितंबर 2020 को पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया।
2022 में यूपी विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने प्रियंका के नेतृत्व में लड़ा। हालांकि, उनके जोरदार अभियान के बावजूद प्रदेश में कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों पर सफलता मिली थी।
वायनाड में चुनाव के दौरान प्रियंका ने कहा कि वह पहली बार अपने लिए वोट मांग रही हैं। इसका असर भी पड़ा और उन्हें मतदाताओं का खूब प्यार मिला।
प्रियंका में वायनाड देख रहा उम्मीद: रॉबर्ट
प्रियंका की जीत से उत्साहित नजर आ रहे रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि प्रियंका की अद्भुत जीत के लिए वायनाड के लोगों का धन्यवाद। यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि लोग प्रियंका में उम्मीद देख रहे हैं। प्रियंका भी वायनाड के लोगों के सुनसरे भविष्य और खुशहाली के लिए हर प्रयास करेंगी। प्रियंका का संसद में प्रवेश नए युग को जन्म देगा।
हम उस स्तर तक नहीं पहुंच सके-भाजपा प्रत्याशी नव्या
भाजपा की वायनाड लोकसभा उपचुनाव में उम्मीदवार नव्या हरिदास ने कहा कि भाजपा उस स्तर तक नहीं पहुंच सकी, जिसकी हमें उम्मीद थी। उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी वाड्रा से था। हरिदास ने कहा कि भाजपा ने उपचुनाव के लिए विकासोन्मुखी प्रचार किया था। इसके बावजूद, चुनाव में मतदान बहुत कम हुआ। उन्होंने दावा किया कि पिछले पांच साल में क्षेत्र में कोई विकास का काम नहीं हुआ और अगले पांच साल भी ऐसा ही होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, वायनाड के लोग दशकों से मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहे है, लेकिन उस दिशा में भी कोई काम नहीं हुआ।
वायनाड को दिलाया भरोसा संसद में बनूंगी आपकी आवाज
जीत की घोषणा के साथ ही प्रियंका गांधी ने वायनाड के लोगों का आभार जताया। साथ ही भरोसा दिलाया कि वह संसद में उनकी आवाज बनेंगी। उन्होंने कांग्रेस सांसद और अपने भाई राहुल गांधी को परिवार में सबसे बहादुर बताया और हर कदम पर साथ देने के लिए आभार जताया।
प्रियंका गांधी का पोस्ट
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि आने वाले समय में आप महसूस करें कि वास्तव में यह जीत आपकी जीत है। आपने जिस व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि चुना है, वह आपकी उम्मीदों और सपनों को समझता है और आपके लिए लड़ने वाला है। मैं संसद में आपकी आवाज बनने के लिए उत्सुक हूं। उन्होंने आगे कहा, मुझे यह सम्मान देने और उससे भी ज्यादा आपने मुझे जो अपार प्यार दिया है, उसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। उन्होंने चुनाव में अविश्वसनीय रूप से कड़ी मेहनत करने के लिए यूडीएफ के सहयोगियों, केरल के नेताओं, कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों को भी धन्यवाद दिया। ब्यूरो
मां, रॉबर्ट और मेरे दो रत्नों ने साहस दिया
प्रियंका ने आगे लिखा, मेरी मां, रॉबर्ट और मेरे दो रत्नों रेहान और मिराया, आपने जो प्यार और साहस दिया, उसके लिए कोई भी आभार कभी पर्याप्त नहीं होगा। मेरे भाई राहुल, तुम इन सबमें सबसे बहादुर हो... मुझे रास्ता दिखाने और हमेशा मेरा साथ देने के लिए धन्यवाद।
राहुल बोले- वायनाड के परिवार के भरोसे पर मुझे गर्व
वायनाड में बहन प्रियंका गांधी वाड्रा की जीत से उत्साहित राहुल गांधी ने कहा कि उनको गर्व हो रहा है कि वायनाड की जनता ने उनकी बहन पर भरोसा जताया है। उन्होंने पोस्ट में लिखा, मुझे विश्वास है कि प्रियंका हमारे प्रिय वायनाड को प्रगति और समृद्धि के प्रकाश स्तंभ में बदलने के लिए साहस, करुणा और अटूट समर्पण के साथ नेतृत्व करेंगी।