मेरे इस्तीफे पर भगवान फैसला लेंगे', जानें ऐसा क्यों बोले मणिपुर के विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत

मेरे इस्तीफे पर भगवान फैसला लेंगे, जानें ऐसा क्यों बोले मणिपुर के विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत
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मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत ने रविवार को कहा कि वह पद से इस्तीफा देंगे या नहीं, यह भगवान लेंगे और उन्होंने यह भी कहा कि जनता भगवान हैं। उन्होंने यह बयान तब दिया जब उनके निर्वाचन क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग उनके आवास पर आए और उनसे अनुरोध किया कि वह इस्तीफा न दें, जैसा कि राज्य में प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने मांग की थी।

'इसका फैसला भगवान करेंगे और जनता ही भगवान'

विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत ने संवाददाताओं से कहा, इस्तीफा दें या नहीं, इसका फैसला भगवान करेंगे और जनता ही भगवान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विधायकों को लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करना चाहिए।

'लोगों के कल्याण के लिए काम करने की जरूरत'

विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम ने कहा, सरकार को लोगों की कठिनाइयों को जानने की जरूरत है और लोगों के कल्याण के लिए काम करने की जरूरत है। सभी विधायकों को एकजुट होने और साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। यह घटनाक्रम प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग की तरफ से अशांत राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में 'विफलता' के लिए सभी मंत्रियों और विधायकों के इस्तीफे की मांग के मद्देनजर हुआ है।

मणिपुर में मैतेई और कुकी के बीच जातीय हिंसा

पिछले साल मई महीने से मणिपुर में मैतेई और कुकी के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। इंफाल घाटी के मैतेई और पहाड़ी क्षेत्रों के कुकी-जो समुदायों के बीच यह संघर्ष चल रहा है। हिंसा की शुरुआत मैतेई समुदाय के अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा मांगने के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'जनजातीय एकता मार्च' के बाद हुई थी।जबकि पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर राज्य में हिंसात्मक घटनाएं बढ़ गई हैं। जब जिरीबाम में सीआरपीएफ और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें सुरक्षाबलों ने 10 उग्रवादियों को मार गिराया था। वहीं इसके बाद से जिरीबाम से छह लोगों की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी।

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