भूटान के पीएम तोबगे ने की भारत के सहकारी आंदोलन की सराहना, पीएम मोदी के सम्मान में कही बड़ी बात

भूटान के पीएम तोबगे ने की भारत के सहकारी आंदोलन की सराहना, पीएम मोदी के सम्मान में कही बड़ी बात
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भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने सोमवार को आईसीए वैश्विक सहकारी सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए भारत का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह भारत के सहकारी आंदोलन के अनुभव के बारे में जानने के लिए यहां आए हैं। उन्होंने भारत में सहकारी आंदोलन की सराहना की और कहा कि सहकारी समितियों ने लाखों लोगों को सशक्त बनाने, हाशिये पर पड़े लोगों के उत्थान और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर उल्लेखनीय सफलताएं हासिल की हैं।

कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के दौरान तोबगे ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपना बड़ा भाई बताया और कहा कि मैं भारत आकर बहुत खुश हूं। मुझे खुशी है, क्योंकि जब भी मैं भारत आता हूं तो मुझे अपने बड़े भाई पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का मौका मिलता है। पीएम तोबगे ने महत्वपूर्ण सभा में भाग लेने के लिए आमंत्रित करने के लिए दिल से धन्यवाद दिया और कहा कि आपके निमंत्रण के कारण ही मैं अपने बड़े भाई से मिल सका।

तोबगे बोले- यहां आने का उद्देश्य भारत के अनुभवों से सीखना

भूटान पीएम तोबगे ने भारत में संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारी वर्ष के शुभारंभ में भाग लेने के लिए अपना उत्साह व्यक्त किया। तोबगे ने कहा कि यहां आने का उनका उद्देश्य भारत के अनुभवों से सीखना है।

सहकारी आंदोलन के महत्व पर डाला प्रभाव

सहकारी आंदोलन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, भूटान के पीएम ने पुष्टि की कि आज की दुनिया में सहकारी आंदोलन और भी महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने बताया कि दुनिया में गरीबी, असमानता, महंगाई, भू-राजनीतिक तनाव और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने में सहकारी समितियां अहम भूमिका निभा रही हैं। वे समुदायों को एकजुट कर इन समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि सहकारी समितियां लोगों को गरीबी से बाहर निकालने, बाजारों तक पहुंच बनाने और उनकी आजीविका सुधारने में मदद करती हैं। वे लोगों को सशक्त बनाती हैं और एक बेहतर दुनिया बनाने में योगदान करती हैं।

दिन में पीएम तोबगे ने पीयूष गोयल से की मुलाकात

इससे पहले दिन में, तोबगे ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। व्यापार, कनेक्टिविटी, ऊर्जा सहयोग और अन्य क्षेत्रों में अवसरों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने भी सम्मेलन का उद्घाटन किया और अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष, 2025 के लिए स्मारक डाक टिकटों का एक एल्बम लॉन्च किया।

वैश्विक सहकारी आंदोलन को नई दिशा देगा भारत का अनुभव

प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि यह सम्मेलन पहली बार भारत में हो रहा है, और यह हमारे सहकारी आंदोलन को और बढ़ावा देगा। भारत का अनुभव वैश्विक सहकारी आंदोलन को नई दिशा देगा। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के लिए भारत की सहकारी समितियां एक मॉडल हैं, वे हमारी संस्कृति और जीवनशैली की नींव हैं। उन्होंने कहा, 'महात्मा गांधी कहते थे कि सहकारी समितियों की सफलता सदस्यों की संख्या पर नहीं, बल्कि उनके नैतिक विकास पर निर्भर करती है। जब नैतिकता मौजूद होती है, तो मानवता के हित में सही निर्णय लिए जाते हैं।'

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