कर्फ्यू वाले जिलों में कल से अनिश्चित काल के लिए बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज, जारी किया गया आदेश

कर्फ्यू वाले जिलों में कल से अनिश्चित काल के लिए बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज, जारी किया गया आदेश
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मणिपुर सरकार ने मंगलवार को घोषणा कि कि कर्फ्यू वाले इलाकों में 27 नवंबर से सभी स्कूलों और कॉलेजों को अनिश्चितकाल के लिए बंद रखा जाएगा। आदेश में कहा गया है कि इंफाल पूर्व और पश्चिम, विष्णुपुर, थौबल, काकचिंग और जिरिबाम जिलों के स्कूलों और कॉलेजों में कल कक्षाएं नहीं चलेंगी, जब तक और आदेश न हो।

मणिपुर की जिरी और असम की बराक नदियों से तीन महिलाओं व तीन बच्चों के 16 नवंबर को शव बरामद हुए थे। तब से इन जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद हैं। शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया, घाटी क्षेत्रों में स्थित राज्य सरकार के सभी स्कूल, सरकारी मदद प्राप्त निजी और केंद्रीय विद्यालय 27 नवंबर से आगे के आदेश तक बंद रहेंगे।

एक अलग आदेश में यह भी कहा गया कि कर्फ्यू वाले जिलों में उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत आने वाले सरकारी शिक्षण संस्थान, सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज, राज्य विश्वविद्यालय आदि आगे के आदेश तक बंद रहेंगे।

बिना अनुमति नहीं किए जा सकते धरने, रैली और सभा इस बीच,घाटी के कर्फ्यू वाले पांच जिलों और जिरिबाम में सुबह पांच बजे से 12 बजे तक छूट दी गई है, ताकि लोग जरूरी वस्तुएं और दवाएं खरीद सकें। लेकिन आदेश में कहा गया है कि बिना अनुमति के धरना, रैली और सभा करने की छूट नहीं होगी।

दो दिनों तक सरकारी कार्यालयों को बंद रखने का एलान

शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का फैसला उस समय लिया गया, जब इंफाल घाटी के नागरिक समाज संगठन कोकोमी ने बुधवार को राज्य और केंद्र सरकार के कार्यालयों को दो दिनों तक बंद करने का एलान किया है। कोकोमी अफ्स्पा को हटाने और संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। हालांकि शिक्षण संस्थानों को इस बंद से बाहर रखा गया है।


तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या के बाद बढ़ी हिंसाd

मणिपुर में ताजा हिंसा उस समय बढ़ी जब 11 नवंबर को एक राहत शिविर से तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हो गए थे। सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ में दस उग्रवादी मारे गए थे। बाद में इन छह लोगों के शव मिले। पिछले साल मई से मणिपुर में मेतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा बढ़ी है, जिसमें ढाई सौ से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं।

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