बजट सत्र तक बढ़ाया गया वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित समिति का कार्यकाल, संसद में प्रस्ताव पास

बजट सत्र तक बढ़ाया गया वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित समिति का कार्यकाल, संसद में प्रस्ताव पास
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वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित समिति का कार्यकाल बजट सत्र 2025 के आखिरी दिन तक बढ़ाया गया। लोकसभा ने इस प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है। बता दें कि समिति की बुधवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से ये फैसला लिया गया। समिति को इस सप्ताह के अंत तक रिपोर्ट देनी थी। मामले में समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल का कहना है कि समिति के सभी सदस्य इस बात पर सहमत हैं कि जेपीसी का कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए।

समिति का कार्यकाल बढ़वाना चाहता था विपक्ष

समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा था कि समिति की रिपोर्ट लगभग तैयार है और इसे समय से सदन को भेजा जाएगा। हालांकि विपक्ष को इस पर आपत्ति थी। विपक्ष समिति का कार्यकाल बढ़वाना चाहता था। इस संबंध में विपक्षी नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी मुलाकात की थी।

बुधवार को समिति की बैठक में विपक्षी सदस्यों ने समिति का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग को लेकर हंगामा किया। विपक्षी सदस्य बैठक को बीच में ही छोड़कर बाहर चले गए। तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति का ज्यादातर समय सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों से ही चर्चा में लगाया गया और जिन राज्यों में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति है, उन्हें नहीं बुलाया गया। इसके बाद संयुक्त संसदीय समिति की बुधवार को पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी में बैठक हुई। बैठक के बाद बाहर आए सांसदों ने इस बात की पुष्टि की कि समिति का कार्यकाल बढ़ाए जाने पर सहमति बन गई है।d

क्या है पूरा मामला?

लोकसभा में आठ अगस्त को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने 'वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024' पेश किया था। इसके साथ ही इससे जुड़े निष्क्रिय हो चुके पुराने अधिनियम को कागजों से हटाने के लिए 'मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024' को भी पेश किया गया था। नए विधेयक का नाम एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम होगा। अंग्रेजी में यूनिफाइड वर्क मैनेजमेंट एंपावरमेंट एफिशिएंट एंड डेवलपमेंट यानी 'उम्मीद'। इस विधेयक का विपक्ष ने पुरजोप विरोध किया था। उसके बाद नौ अगस्त को इसे आगे की चर्चा के लिए संसद की संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया था।

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