ग्रामीण विकास मंत्री की मनरेगा की समीक्षा, पारदर्शिता और जवाबदेही को सशक्त बनाने के दिए निर्देश

ग्रामीण विकास मंत्री की मनरेगा की समीक्षा, पारदर्शिता और जवाबदेही को सशक्त बनाने के दिए निर्देश
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ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीम रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के प्रदर्शन और क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पारदर्शिता और जवाबदेही के तंत्र को और मजबूत किया जाएगा। बैठक में ग्रामीण विकास सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

मंत्री ने कहा कि इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए नवाचारों और सुधारों को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। उन्होंने यजोना की सफलता की सराहना भी की। बैठक में यह भी निर्देश दिया गया है कि मनरेगा के तहत पारदर्शिता के तंत्र को मजबूत किया जाए और कार्यस्थलों पर मशीनरी के उपयोग पर रोक लगाई जाए।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में मनरेगा के तहत महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए गए हैं। अब तक 187.5 करोड़ श्रमित दिवस सृजित किए गए हैं, जिससे 4.6 करोड़ ग्रामीण परिवारों को रोजगार मिला है। इसके अलावा, 56 लाख से अधिक परिसंपत्तियां बनाई गई हैं, जो ग्रामीण ढांचे को मजबूत करने में मदद कर रही हैं।

बयान में आगे कहा गया कि कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों पर कुल खर्च का करीब 44 फीसदी और व्यक्तिगत लाभार्थियों के कामों पर 55 फीसदी खर्च किया गया, जो ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि पर फोकस करने और कमजोर परिवारों के लिए आजीविका के अवसर बढ़ाने के संकेत देता है।


dमंत्रालय ने यह भी बताया कि 97 फीसदी एफटीओ (फंड ट्रांसफर ऑर्डर) समय पर किए जा रहे हैं, जिससे मजदूरी के भुगतान में देरी नहीं हो रह है। इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए 74,770.02 करोड़ रुपये राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को जारी किए गए हैं। इस योजना में महिलाओं की भागीदारी पिछले पांच वर्षों में लगातार 50 फीसदी से अधिक रही है, जो योजना के तहत महिलाओं के सशक्तिकरण को दर्शाता है।

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