सुधार के लिए गूगल खुद लोगों के भरोसे... गूगल मैप इस्तेमाल करते वक्त लोग एहतियात बरतें

सुधार के लिए गूगल खुद लोगों के भरोसे... गूगल मैप इस्तेमाल करते वक्त लोग एहतियात बरतें
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गूगल मैप के सहारे गुरुग्राम से दोस्त की शादी में बरेली के फरीदपुर जा रहे कार सवार तीन युवकों की अधूरे पुल से गिरने के कारण मौत हो गई। वहीं, दिल्ली से गूगल मैप देखते हुए मेरठ के एक गांव के लिए चले बराती हापुड़ के सिंभावली पहुंच गए।इस तरह की घटनाओं को देखते हुए अमर उजाला ने पड़ताल की तो राष्ट्रीय राजमार्ग की सर्विस लेन से लेकर ऐसे कई मार्गों का पता चला, जिन्हें गूगल सुगम मार्ग बता रहा जबकि उनमें खंती है या आगे रास्ता ही बंद है।


बिल्हौर में एनएच-34 हाईवे के कई ऐसे कट और सर्विसलेन हैं, जिन्हें गूगल मैप पर टू-लेन या फोरलेन दर्शाया गया है। गूगल मैप में अभी भी पुरानी जीटी रोड आवागमन के लिए दिखाई दे रही है। सई नदी पुल पर हाइटगेज लगाए गए हैं, लेकिन मैप पर सबके लिए चालू दिखा रहा है। इसलिए सोच समझकर चलें।

गूगल मैप रास्ता बताने के साथ कई बार भटका भी सकता है। कारण है इसका रियल टाइम अपडेशन न होना है। रियल टाइम अपडेशन के लिए गूगल मैप भी यूजर्स के भरोसे है।

इसके बारे में अमर उजाला ने आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर अमेय करकरे के साथ कई अन्य एक्सपर्ट से भी बात की। उन्होंने बरेली में हुई घटना के लिए गूगल मैप को दोषी नहीं माना है। उनका कहना है कि अधूरे पुल के लिए कोई अवरोधक क्यों नहीं लगाए गए थे। कहा कि सफर पर जाने वाले पूरी तरह से गूगल मैप के भरोसे न रहे।

कैसे काम करता हैं गूगल मैप ट्रैफिक

जानकारों के अनुसार, गूगल मैप कई डेटा स्रोतों पर निर्भर है। इसमें उपयोग होने वाली सैटेलाइट इमेज से सटीक नक्शा तैयार होता है। मैप्स में शामिल लाइव डेटा यूजर्स के मोबाइल डिवाइस मिलता है। गूगल मैप उन यूजर्स के फीडबैक पर निर्भर करता है, जो नई जगहों को जोड़ते हैं, जगहों की समीक्षा करते हैं और निर्माण या रुकावट की जानकारी देते हैं।

क्यों ले जाता है मैप आपको पुराने या गलत रास्ते पर

अगर किसी सड़क में नया निर्माण या कोई बदलाव हुआ हो और उसका डेटा गूगल पर अपडेट न हुआ हो तो, मैप आपको पुराने या गलत रास्ते पर ले जा सकता है। वहीं, कई बार भ्रम की स्थिति भी होती है। मान लें कि फ्लाइओवर की सैटेलाइट से इमेज ली गई, जिसके दो रास्ते हैं, जिसमें एक बंद है और एक खुला। ऐसे में गूगल तो आपको फ्लाईओवर से रास्ता दिखाएगा, मौके पर आपको रास्ते का चयन करना होगा।

नेविगेशन एप का भी करें इस्तेमाल

गूगल मैप लोकेशन सेट करने से पहले आपके पास साधन का विकल्प आता है। अब अगर आपने बाइक का चयन कर लिया और चले कार से गए तो निश्चित ही जाम की मैप के अलावा नेविगेशन एप, एप्पल एप का भी इस्तेमाल करें ताकि गलत दिशा में जाने की संभावना कम हो। अनजान जगहों पर स्थानीय लोगों से मार्गदर्शन लेना अच्छा विकल्प हो सकता है। कई बार नेट कमजोर होने से भी गूगल गलत रास्ते बताने लगता है।

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