उल्फा पर सख्ती बढ़ी; पहले बढ़ाया गया प्रतिबंध और अब गैरकानूनी संगठन घोषित करने के लिए ट्रिब्यूनल गठित

उल्फा पर सख्ती बढ़ी; पहले बढ़ाया गया प्रतिबंध और अब गैरकानूनी संगठन घोषित करने के लिए ट्रिब्यूनल गठित
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केंद्र लगातार असम के अलगाववादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) पर सख्ती बरत रहा है। अब गृह मंत्रालय (एमएचए) ने उल्फा और इसके सभी गुटों, शाखाओं और फ्रंट संगठनों को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के लिए एक 'गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) ट्रिब्यूनल' का गठन किया है।



इस अधिनियम के तहत उठाया गया कदम

यह ट्रिब्यूनल गौहाटी उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति माइकल जोथानखुमा की अध्यक्षता में कार्य करेगा। गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक गजट अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। यह कदम गृह मंत्रालय ने 1967 के 'गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम' के तहत उठाया है।

पांच साल का बढ़ाया प्रतिबंध

गौरतलब है, करीब एक महीने पहले ही केंद्र ने उल्फा पर लगे प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ाने का एलान किया था। उल्फा पर आरोप है कि वह असम को भारत से अलग करने के लिए सक्रिय है और अन्य उग्रवादी समूहों के साथ मिलकर धन उगाही और हिंसा में शामिल है।

1990 में हुआ था पहली बार प्रतिबंधित

उल्फा को पहली बार 1990 में प्रतिबंधित किया गया था और तब से इसका प्रतिबंध समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है। पिछली बार इसे 27 नवंबर, 2019 को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया था। पिछले पांच सालों के दौरान पुलिस या सुरक्षा बल की कार्रवाई में उल्फा के तीन कट्टर कैडर मारे गए, इसके कैडरों के खिलाफ 15 मामले दर्ज किए गए और तीन चार्जशीट दायर की गईं तथा तीन कैडरों पर मुकदमा चलाया गया।

क्या है उल्फा का मकसद?

गृह मंत्रालय ने बताया कि उल्फा ने असम को भारत से अलग करने का लक्ष्य घोषित किया है, इसके सदस्य अवैध हथियारों और विस्फोटक सामग्री के साथ हिंसा में शामिल होते रहे हैं। मंत्रालय ने यह भी बताया कि संगठन ने पिछले पांच वर्षों में कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया, जिनमें 16 धमाके और बम विस्फोट शामिल हैं।

मंत्रालय ने आगे कहा कि संगठन 27 अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल था, इसके 56 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और 63 कार्यकर्ताओं ने आत्मसमर्पण कर दिया। उल्फा सदस्यों के कब्जे से 27 हथियार, 550 राउंड, नौ ग्रेनेड और दो तात्कालिक विस्फोटक उपकरण बरामद किए गए थे।

उल्फा उन 17 संगठनों में से एक है, जिन्हें वर्तमान में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत गैरकानूनी संगठनों के रूप में गृह मंत्रालय की सूची में नामित किया गया है।

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