केजरीवाल का बड़ा आरोप, विरोधियों पर लगाया नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में पैसे बांटने का आरोप

केजरीवाल का बड़ा आरोप, विरोधियों पर लगाया नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में पैसे बांटने का आरोप
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दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजधानी में सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। सत्ता पक्ष की आम आदमी पार्टी (आप) ने विरोध दल पर वोट खरीदने का आरोप लगाया है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक्स अकाउंट पर लिखा है कि 'इन लोगों ने मेरी विधानसभा में अभी से वोट खरीदने का काम शुरू कर दिया। खुलेआम 1000 रुपये प्रति वोट कैश दे रहे हैंd


आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। आप के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर नई दिल्ली से चुनावी मैदान में हैं। दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी सीट से चुनाव लड़ रही हैं।

आप के मंत्री और बड़े चेहरे यहां से लड़ रहे चुनाव

आम आदमी पार्टी ने मालवीय नगर से सोमनाथ भारती को उतारा है। ग्रैटर कैलाश से मंत्री सौरभ भारद्वाज प्रत्याशी हैं। बाबरपुर से मंत्री गोपाल राय और तिलक नगर से जरनैल सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। सत्येंद्र कुमार जैन शकूर बस्ती से, मुकेश कुमार अहलावत सुल्तानपुर माजरा से, रघुविंदर शौकीन नांगलोई जाट से, सोम दत्त सदर बाजार से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं पार्टी ने मनीष सिसोदिया को इस बार जंगपुरा से चुनाव मैदान में उतारा है।

आप ने 15 फीसदी महिलाओं को दिया मौका

पांच मुस्लिम समुदाय से उम्मीदवार उतारे हैं। 10 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है। यानी 15 फीसदी महिलाओं को जगह दी है। अब आप ने 70 सीट पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। पार्टी ने पहली सूची में 11 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किया था। वहीं, दूसरी सूची में 20 सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित किए गए। पार्टी ने अपनी तीसरी सूची में एक नाम की घोषणा की थी। चौथी व अंतिम सूची में 38 नामों की घोषणा की गई है।

पिछले चुनाव में आप ने 70 में से 62 सीटें अपने नाम की थीं

अगले साल फरवरी में दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर चुनाव होना है। जिसकी तैयारियों को लेकर आम आदमी पार्टी पूरे जोश में काम कर रही है। अभी दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान अभी हुआ नहीं है। 2020 में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 70 में से 62 सीटें जीती थीं। भाजपा के खाते में 8 सीटें गई थीं, जबकि कांग्रेस के हाथ खाली रहे थे।

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