भारत रत्न' वाजपेयी और मालवीय की जयंती, राष्ट्रपति मुर्मू व पीएम मोदी समेत दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम दिग्गज लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री 'भारत रत्न' अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि उन्होंने सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। पीएम मोदी ने 'एक्स' पर कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी 100वीं जन्म-जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। उन्होंने सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका विजन और मिशन विकसित भारत के संकल्प में निरंतर शक्ति का संचार करता रहेगा।'
प्रधानमंत्री ने नमो एप पर वाजपेयी की 100वीं जयंती पर लिखा एक आलेख भी साझा किया और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण के साथ जिस प्रकार देश को एक नई दिशा और गति दी, उसका प्रभाव हमेशा 'अटल' रहेगा। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य रहा है कि मुझे उनका भरपूर सान्निध्य और आशीर्वाद मिला।
अटल जी के बारे में जानिए
1924 में आज ही के दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ था। वह भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक थे। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। उनका पहला कार्यकाल 1996 में मात्र 13 दिन का था। इसके बाद, वह 1998 में फिर प्रधानमंत्री बने और 13 महीने तक इस पद को संभाला। वर्ष 1999 में वह तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी नेता थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया।
मदन मोहन मालवीय को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने 'एक्स' पर कहा, 'महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। वह एक सक्रिय स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ जीवनपर्यंत भारत में शिक्षा के अग्रदूत बने रहे। देश के लिए उनका अतुलनीय योगदान हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा।'
मदन मोहन मालवीय को जानिए
पंडित मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को प्रयागराज में हुआ था। वर्ष 1909 में उन्होंने कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता की थी। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना में भी उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई। उन्हें वर्ष 2014 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा गया था। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने 24 दिसंबर, 2014 को पंडित मदन मोहन मालवीय के साथ वाजपेयी को 'भारत रत्न' से सम्मानित करने का ऐलान किया था।