प्रेमानंद महाराज के गुरु की कुटिया के पास नाली में मिली नवजात, सेवक ने पहुंचाया अस्पताल

धर्मनगरी में एक मां अपने कलेजे के टुकड़े को ठिठुरती रात में सौभरि वन मार्ग स्थित संत प्रेमानंद के गुरु की कुटिया के समीप नाली किनारे छोड़ गई। नवजात के रातभर खुले आसमान में रहने से उसके सूजन आ गई। वहां से गुजर रहे संत के सेवक ने रक्त रंजित नवजात को अस्पताल पहुंचाया।

रात को अंधेरे में छोड़ गया कोई

वराहा घाट के समीप सौभरि वन मार्ग स्थित संत प्रेमानंद महाराज के गुरु संत गौरांगीशरण महाराज की कुटिया के समीप सूखी नाली के किनारे एक कपड़े में बांधकर नवजात बालिका को कोई रात के अंधेरे में छोड़कर चला गया। बृहस्पतिवार सुबह करीब पौने 9 बजे वहां सेवाकुंज दर्शन करने के लिए जा रहे संत के सेवक वराहा घाट निवासी अभिषेक शर्मा को नवजात दिखी।

बच्ची को लगाए गए टीके

अभिषेक और उनका एक साथी नवजात को लेकर जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद नवजात का नाल काटा और उसके माथे और शरीर पर लग रहा रक्त साफ कर जन्म के समय लगने वाले टीके भी लगाए।

नवजात को आई सूजन

अस्पताल लाए सेवक ने बताया कि सुबह प्रतिदिन की तरह सेवाकुंज मंदिर दर्शन करने जा रहे थे। तभी नाली के सहारे नवजात मिली। रात में ठंड के कारण नवजात के सूजन आ गई थी। अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर वंदना अग्रवाल ने बताया कि नवजात की स्थिति से पता चलता है कि वह कुछ ही घंटे पहले जन्मी है। जन्म के समय लगने वाले सभी सभी टीके लगाए गए हैं। नवजात बच्ची ठीक है। उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत करा दिया है। उसे एसएनसीयू मथुरा के लिए रेफर कर दिया है। यहां किसने उसे छोड़ा इसका पुलिस पता लगा रही है।

Next Story