मंदिरों में शर्ट पहनने की प्रथा पर नहीं लिया गया कोई फैसला', मंत्री बोले- ये मंदिर समिति का अधिकार है
केरल देवस्वोम मंत्री वी एन वासवन ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि देवस्वोम बोर्ड ने मंदिरों में पुरुष श्रद्धालुओं के शर्ट पहनने पर रोक लगाने की प्रथा के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि मंदिर की रीति-रिवाज और अनुष्ठान तंत्रियों और संबंधित मंदिर समितियों की तरफ से निर्धारित किए जाते हैं। मंत्री वासवन ने पत्रकारों से कहा, 'यह देवस्वोम बोर्ड की तरफ से तय किया गया मामला नहीं है।'
सीएम विजयन ने स्वामी सच्चिदानंद के बयान का किया समर्थन
इससे पहले शिवगिरी मठ के अध्यक्ष स्वामी सच्चिदानंद ने कहा था कि मंदिरों को पुरुष श्रद्धालुओं को शर्ट पहनकर मंदिरों में प्रवेश न देने की प्रथा छोड़ देनी चाहिए। वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने स्वामी सच्चिदानंद के रुख का स्वागत किया था और कहा था कि बदलते समय के अनुसार ऐसी प्रथाओं से बचा जा सकता है। जबकि इस पर एनएसएस महासचिव जी सुकुमारन नायर ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिन्होंने कहा कि सरकार को मंदिरों में रीति-रिवाजों और प्रथाओं में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
यह कानून द्वारा चुनौती देने वाला मामला नहीं'
मामले में मंत्री ने कहा, 'शिवगिरी में अपने भाषण में स्वामी सच्चिदानंद ने कहा कि कई स्थानों पर कई अनुष्ठान और रीति-रिवाज हैं, और उनमें से कई को समय के साथ बदलना चाहिए।' मंत्री ने कहा कि स्वामी सच्चिदानंद ने गुरुदेव मंदिरों में शर्ट पहने हुए पुरुष भक्तों को प्रवेश न देने की प्रथा को खत्म करने और अंधविश्वास और अनैतिक प्रथाओं के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का आग्रह किया। मंत्री वासवन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके विचारों का समर्थन किया और स्वामी सच्चिदानंद के भाषण के बाद कुमारकोम गुरुदेव मंदिर में यह प्रथा खत्म हो गई। उन्होंने कहा कि मंदिरों के अनुष्ठान और रीति-रिवाज तंत्रियों और संबंधित समितियों की तरफ से निर्धारित किए जाते हैं, और यह कानून द्वारा चुनौती देने वाला मामला नहीं है, उन्होंने कहा कि स्वामी के भाषण ने राज्य में बहस छेड़ दी है।
कम से कम डेढ़ साल में पूरी होगी सबरीमाला रोपवे परियोजना'
सबरीमाला रोपवे परियोजना के बारे में बोलते हुए, मंत्री वासवन ने कहा कि यह जल्द ही एक वास्तविकता बनने वाली है। उन्होंने कहा कि वन और राजस्व विभागों के साथ चर्चा चल रही है, और परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा, 'इस परियोजना को पूरा होने में कम से कम डेढ़ साल का समय लगेगा।' उन्होंने कहा कि सबरीमाला तीर्थयात्रा का सफल और सुचारू संचालन सामूहिक प्रयास का परिणाम है, जिसकी तैयारियां पहले से ही की गई थीं। उन्होंने कहा, 'अगले साल की तीर्थयात्रा के लिए, निर्बाध प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्थाएं पहले से ही शुरू कर दी जाएंगी।'