एक देश एक चुनाव पर निर्वाचन आयोग, पूर्व न्यायाधीशों की राय लेगी समिति, बैठक में हुआ फैसला

एक देश एक चुनाव पर निर्वाचन आयोग, पूर्व न्यायाधीशों की राय लेगी समिति, बैठक में हुआ फैसला
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देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयकों पर विचार कर रही संसदीय समिति की तरफ से विचार-विमर्श के लिए तैयार की गई एक सांकेतिक सूची में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के पूर्व न्यायाधीशों, निर्वाचन आयोग, राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों का उल्लेख है।


समिति की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने कहा कि विभिन्न निकायों और अन्य हितधारकों की एक सांकेतिक सूची तैयार की गई थी और सदस्यों को विचार के लिए और अधिक नाम सुझाने के लिए कहा गया है। सूत्रों ने कहा कि संवैधानिक विशेषज्ञ, सुरक्षा एजेंसियां, कई सरकारी विभाग, मीडिया संगठन, भारतीय विधि आयोग, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, थिंक-टैंक, चैंबर ऑफ कॉमर्स, आईआईएम जैसे शैक्षणिक संस्थान उनमें शामिल हैं, जिनके साथ विचार-विमर्श किया जा सकता है।


dबैठक में कई विपक्षी सदस्यों ने इस पर जोर दिया कि उन्हें हर बैठक के दौरान होने वाली बातचीत के शब्दशः विवरण की एक प्रति वितरित की जानी चाहिए। इस पर समिति के अध्यक्ष चौधरी ने कहा कि ऐसी मांग संसदीय समितियों की परंपरा के अनुरूप नहीं है। हालांकि, द्रमुक सांसद पी विल्सन और कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि उनकी मांग संसदीय समितियों को निर्देशित करने वाले नियमों के अंतर्गत आती है। चौधरी ने कहा कि वह इस मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से परामर्श करेंगे। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने विपक्षी सदस्यो के विचारों का समर्थन किया।

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