दिखावे से बो ,चुपचाप अपना काम करो

दिखावे से बो ,चुपचाप अपना काम करो
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चाणक्य, जिन्हें आचार्य चाणक्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राजनीति और नीति शास्त्र के महान विद्वान थे. उनकी कही गई बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक और प्रेरणादायक हैं. उन्होंने हमेशा यह कहा कि इंसान को चुपचाप अपना काम करते रहना चाहिए और ज्यादा बोलने या दिखावा करने से बचना चाहिए. उनके अनुसार, सफलता का शोर नहीं किया जाता, वह अपने आप बोलती है. आज के समय में जहां लोग हर चीज का प्रदर्शन करना चाहते हैं, वहां चाणक्य की यह सीख एक गहरा संदेश देती है. आइए जानते हैं कि उन्होंने ये बात बार-बार क्यों दोहराई और इसके पीछे की वजह क्या है.


नजर लगने से बचाव

जब कोई व्यक्ति अपनी सफलता का ज्यादा प्रचार करता है, तो लोग उसमें कमी निकालने लगते हैं. जलन और ईर्ष्या के कारण उस पर बुरी नजर लग सकती है. चाणक्य कहते थे कि चुपचाप काम करने से आप इन नकारात्मक चीजों से बच सकते हैं. बिना शो ऑफ किए आगे बढ़ना ही समझदारी है.

बिना रुकावट के फोकस

जब हम शांत रहते हैं और सिर्फ अपने काम पर ध्यान देते हैं, तो हमारा ध्यान कहीं और नहीं भटकता. बोलने या दिखाने में समय और ऊर्जा बर्बाद होती है. चुपचाप काम करने से फोकस बना रहता है और परिणाम भी बेहतर होते हैं. चाणक्य मानते थे कि काम की सच्चाई उसके नतीजों से दिखती है, न कि बातों से.

दुश्मनों से सुरक्षा

अगर आप अपने प्लान या काम सबको बता देते हैं, तो कुछ लोग उसे खराब करने की कोशिश कर सकते हैं. हर किसी को आपकी तरक्की रास नहीं आती. इसलिए चुप रहकर आगे बढ़ने से आप अपने लक्ष्य को सुरक्षित रख सकते हैं. चाणक्य इसे एक तरह की रणनीति मानते थे.

मेहनत की असली पहचान वक्त देगा

जो लोग सच्चे मन से मेहनत करते हैं, उनकी पहचान समय खुद बना देता है. उन्हें बार-बार अपने बारे में बताने की जरूरत नहीं होती. चुपचाप काम करने वाले लोग समय के साथ चमकते हैं. चाणक्य का मानना था कि सफलता खुद बोलती है, इंसान को नहीं.

निंदा और आलोचना से दूरी

अगर आप हर समय अपनी बातों का ढिंढोरा पीटते हैं, तो लोग आपकी गलतियों पर ध्यान देने लगते हैं. इससे आपकी आलोचना भी होने लगती है. शांत रहने और कम बोलने वाले लोग अक्सर आलोचनाओं से बचे रहते हैं. इसीलिए चुप रहना एक अच्छी आदत मानी जाती है.

विनम्रता का संकेत

कम बोलना और दिखावा न करना, एक विनम्र व्यक्ति की पहचान होती है. ऐसे लोग समाज में ज्यादा पसंद किए जाते हैं. चुपचाप काम करने वाले लोग घमंडी नहीं लगते और उनका आदर भी बढ़ता है. चाणक्य मानते थे कि विनम्रता इंसान को ऊंचाई तक ले जाती है.

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