रक्षा क्षेत्र को साइबर हमलों से बचाने के लिए ‘साइबर सुरक्षा’ अभ्यास

रक्षा क्षेत्र को साइबर हमलों से बचाने के लिए ‘साइबर सुरक्षा’ अभ्यास
X

राष्ट्रीय स्तर पर साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए एक व्यापक ‘साइबर सुरक्षा’ अभ्यास सोमवार से शुरू हो गया है। यह अभ्यास 'वास्तविक दुनिया के साइबर खतरों'की नकल करता है और इसका मकसद देशभर में साइबर क्षेत्र में तैयारियों को बेहतर बनाना है। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

यह अभ्यास रक्षा साइबर एजेंसी की ओर से हेडक्वार्टर इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के तहत आयोजित किया जा रहा है। यह अभ्यास 27 जून तक कई चरणों में चलेगा। इसके अंतर्गत विशेष प्रशिक्षण सत्र, मूल्यांकन और नेतृत्व के लिए एक खास कार्यक्रम शामिल है।

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि इस अभ्यास में रक्षा क्षेत्र की राष्ट्रीय एजेंसियों और अन्य संबंधित पक्षों के 100 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इस कार्यक्रम में ऐसे माहौल बनाया जाएगा जैसे वास्तव में साइबर हमला हो रहा हो — तेज गति वाला और थोड़ा गेम जैसा। इसमें हिस्सा लेने वालों की सोचने-समझने की ताकत और सुरक्षा के लिए काम करने की क्षमता को परखा जाएगा। साथ ही, यह उन्हें साइबर हमलों से बचने के सही तरीके भी सिखाएगा।

इस अभ्यास में मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (सीआईएसओ) का एक सम्मेलन भी शामिल किया गया है, जिससे तकनीकी पक्ष को नेतृत्व से जोड़ा जा सके। इस सम्मेलन में जाने-माने वक्ताओं के व्याख्यान होंगे और अंत में एक टेबल-टॉप अभ्यास (यानी काल्पनिक परिदृश्य पर आधारित व्यावहारिक अभ्यास) किया जाएगा।

मंत्रालय ने कहा कि यह कार्यक्रम संगठित प्रशिक्षण को व्यावहारिक चुनौतीपूर्ण माहौल से जोड़ता है, जिससे प्रतिभागियों को वास्तविक साइबर खतरों के समय तेज और निर्णायक कार्रवाई करने की क्षमता मिलती है। रक्षा साइबर एजेंसी इस तरह के अभ्यास को नियमित रूप से आयोजित करने की योजना बना रही है, ताकि देश में सुरक्षा को प्राथमिकता देने वाली संस्कृति विकसित हो सके और हर स्तर पर तैयारी बनी रहे।

Tags

Next Story