कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे की हत्या की साजिश: मदन दिलावर और मणिकांत के खिलाफ जांच में आरोप निकले तथ्यहीन

मदन दिलावर और मणिकांत   के खिलाफ जांच में आरोप  निकले तथ्यहीन
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राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की कथित हत्या की साजिश के आरोपों पर दर्ज एफआईआर में बड़ी राहत मिली है। पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट पेश करते हुए मामले को तथ्यहीन करार दिया है। अदालत ने भी पुलिस की इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है।

मामला 8 मई 2023 को जयपुर के संजय सर्कल थाने में दर्ज किया गया था। कांग्रेस नेता राम सिंह कसवा ने यह प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, जिसमें भाजपा नेता मणिकांत राठौर और तत्कालीन विधायक मदन दिलावर पर खड़गे को जान से मारने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। केस में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 504, 502(2), 506(2), 302/120बी और एससी/एसटी एक्ट की धाराएं 3(आर) व 3(एस) लगाई गई थीं।

अब पुलिस उपाधीक्षक नानगराम मीणा द्वारा प्रस्तुत की गई अंतिम रिपोर्ट (एफआर नंबर 60/2024, दिनांक 30 दिसंबर 2024) में कहा गया है कि पूरे प्रकरण में किसी प्रकार का आपराधिक षड्यंत्र, धमकी, या घृणा फैलाने जैसी मंशा स्पष्ट नहीं होती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि यह एक राजनीतिक टिप्पणी मात्र प्रतीत होती है।

मदन दिलावर के संदर्भ में रिपोर्ट में उल्लेख है कि उन्होंने कोई आपत्तिजनक या जाति-आधारित टिप्पणी नहीं की है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि दिलावर स्वयं अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं अतः उनके द्वारा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने की बात निराधार है। वहीं मणिकांत राठौर द्वारा किसी निजी बातचीत में दिए गए कथित बयानों को भी अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया गया बताया गया।

पुलिस ने कहा कि इस पूरे मामले में ना तो पीड़ित प्रत्यक्ष रूप से वार्ता में शामिल है और ना ही घटना के कोई प्रत्यक्ष प्रमाण सामने आए हैं। एफआईआर में लगाए गए आरोपों को तथ्यहीन और अतिरंजित पाया गया। अंततः कोर्ट ने पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए मामले को बंद कर दिया है। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस की ओर से दर्ज की गई यह शिकायत राजनीतिक द्वेष की भावना से प्रेरित थी और इसमें कोई कानूनी आधार नहीं पाया गया।


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