आरएसएस का शताब्दी वर्ष विजयादशमी से शुरू,पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे मुख्य अतिथि

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) इस वर्ष विजयादशमी उत्सव से अपने शताब्दी वर्ष का शुभारंभ करेगा। 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित यह संगठन 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। इस अवसर पर 2 अक्टूबर को नागपुर के रेशीमबाग स्थित हेडगेवार स्मृति मंदिर में पारंपरिक विजयादशमी कार्यक्रम आयोजित होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे, जबकि सरसंघचालक मोहन भागवत मार्गदर्शक भाषण देंगे।
पहली बार तीन भव्य पथसंचलन
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयादशमी से होगी, जो अगले वर्ष तक चलेगा। इस बार पहली बार 27 सितंबर को नागपुर में तीन भव्य पथसंचलन होंगे। ये जुलूस कस्तूरचंद पार्क, यशवंत स्टेडियम और अमरावती रोड स्थित हॉकी ग्राउंड से शाम 7 बजे शुरू होकर 7:45 बजे सीताबुल्दी स्थित गांधी प्रतिमा पर संगम करेंगे, जहां सरसंघचालक मोहन भागवत समीक्षा करेंगे।
‘पंच परिवर्तन’ पर विशेष फोकस
शताब्दी वर्ष को संघ ने ‘पंच परिवर्तन’ की थीम पर आधारित करने का निर्णय लिया है। इसमें पांच प्रमुख क्षेत्रों—पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, आत्मनिर्भरता, परिवार सशक्तीकरण और नागरिक उत्तरदायित्व—पर देशभर में विशेष कार्यक्रम होंगे। इसके अंतर्गत सेवा कार्य, संगोष्ठियाँ और सामाजिक आयोजन सालभर चलेंगे।
17 साथियों से 83 हजार शाखाओं तक
1925 में डॉ. हेडगेवार के घर से मात्र 17 साथियों के साथ शुरू हुआ संघ आज देशभर में 83 हजार से अधिक शाखाओं तक पहुंच चुका है। आरएसएस का कहना है कि शताब्दी वर्ष न केवल स्वयंसेवकों बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व का अवसर है।
समाज परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध
संघ ने स्पष्ट किया कि शताब्दी वर्ष का उद्देश्य उपनिवेशी मानसिकता से मुक्ति और सामाजिक बदलाव को बढ़ावा देना है। ‘पंच परिवर्तन’ के जरिए समाज में एकता, पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता को नई दिशा दी जाएगी।
