किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एफपीओ बने नई ताकत : शिवराज सिंह चौहान

किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एफपीओ बने नई ताकत : शिवराज सिंह चौहान
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दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने, लागत घटाने और उन्हें उचित बाजार मूल्य दिलाने के उद्देश्य से देश में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) एक नई आर्थिक क्रांति की दिशा में अग्रसर हैं।

दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय एफपीओ समागम के उद्घाटन अवसर पर उन्होंने बताया कि अब तक 10 हजार एफपीओ गठित हो चुके हैं, जिनसे करीब 52 लाख किसान जुड़े हैं। अगले चरण में दो करोड़ किसानों को एफपीओ से जोड़ने का लक्ष्य है, जिनमें 50 प्रतिशत महिलाएं शामिल होंगी।

1,100 एफपीओ करोड़ों के कारोबार तक पहुंचे

चौहान ने बताया कि देश के 1,100 एफपीओ करोड़ों रुपये के कारोबार तक पहुंच चुके हैं, जिनमें कुछ 100 करोड़ रुपये से अधिक के उद्यम बन गए हैं। यह किसानों की सामूहिक शक्ति और संगठनात्मक क्षमता का परिणाम है। उन्होंने किसानों से एफपीओ को गुणवत्ता, विश्वसनीयता और पारदर्शिता के आधार पर मजबूत करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि छोटे किसान अब केवल उत्पादक नहीं, बल्कि कृषि क्षेत्र में नवाचार, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के जरिए उद्यमी बन रहे हैं। सरकार का उद्देश्य केवल एफपीओ बनाना नहीं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और टिकाऊ बनाना है।

एफपीओ को खाद, बीज, कीटनाशक के अधिक लाइसेंस मिलें

कृषि मंत्री ने आग्रह किया कि एफपीओ को खाद, बीज और कीटनाशक के लाइसेंस अधिक संख्या में दिए जाएं, ताकि वे थोक में खरीदारी कर किसानों को सस्ते दामों पर उपलब्ध करा सकें। इससे उत्पादन लागत घटेगी और लाभ बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि समेकित खेती पर फोकस कर कृषकों की आय में स्थायी वृद्धि की जा सकती है।

सरकार जल्द लाएगी ‘सीड एक्ट’

शिवराज चौहान ने कहा कि सरकार जल्द ही सीड एक्ट लाने जा रही है, जिससे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज सुनिश्चित किए जा सकेंगे। नकली बीज और कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक किसान फसल का प्रसंस्करण और विपणन स्वयं नहीं करेंगे, तब तक आय में अपेक्षित वृद्धि संभव नहीं।

समागम में 24 राज्यों और 140 जिलों के 500 से अधिक एफपीओ ने हिस्सा लिया। 267 एफपीओ द्वारा अनाज, तिलहन, दालें, फल, सब्जियां और जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। मंत्री ने उत्कृष्ट एफपीओ और कार्यान्वयन एजेंसियों को सम्मानित किया तथा किसानों से संवाद कर उनके अनुभव भी सुने।


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