वकीलों को मनमाने ढंग से समन नहीं भेज सकती जांच एजेंसियां : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

वकीलों को मनमाने ढंग से समन नहीं भेज सकती जांच एजेंसियां : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि ईडी समेत कोई भी जांच एजेंसी अब वकीलों को सिर्फ इसलिए समन नहीं भेज सकती कि उन्होंने अपने मुवक्किल को कानूनी सलाह दी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि वकीलों को केवल भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 की धारा 132 में दिए गए अपवादों के तहत ही समन किया जा सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट की प्रधान न्यायाधीश बी.आर. गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की पीठ ने यह फैसला उस स्वत: संज्ञान मामले में दिया, जिसमें ईडी और अन्य जांच एजेंसियों द्वारा वकीलों को समन भेजे जाने पर सवाल उठाया गया था।

अदालत ने कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम में वकील और मुवक्किल के बीच संवाद को विशेषाधिकार प्राप्त है। यह गोपनीयता केवल उन परिस्थितियों में ही तोड़ी जा सकती है, जिनका उल्लेख धारा 132 में अपवाद के रूप में किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों और जांच एजेंसियों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि भविष्य में वकीलों को मनमाने तरीके से समन भेजने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जा सके।

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