शर्मनाक तस्वीर:: बर्तन न धोने के लिए बच्चों को रद्दी कागज पर परोसा गया मिड-डे मील
श्योपुर (मध्य प्रदेश)। मिड-डे मील योजना के तहत बच्चों को पौष्टिक और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराने के सरकारी दावों के बीच श्योपुर जिले के विजयपुर क्षेत्र के हुल्लपुर माध्यमिक शाला से लापरवाही और असंवेदनशीलता की शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। यहां बर्तन धोने से बचने के लिए बच्चों को थाली की जगह रद्दी कागज पर खाना परोसा गया।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। कलेक्टर ने तुरंत संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए, जिसके बाद मिड-डे मील तैयार करने वाले स्वयं सहायता समूह का अनुबंध समाप्त कर दिया गया और स्कूल के प्रभारी शिक्षक को निलंबित कर दिया गया। वहीं दो अन्य शिक्षकों को नोटिस जारी किए गए हैं।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, मिड-डे मील उपलब्ध कराने वाला स्वयं सहायता समूह पांच महिलाओं का है, जिनमें से दो महिलाएं बाहर थीं, इसलिए सिर्फ तीन महिलाएं सात दिनों से भोजन बना रही थीं। इन महिलाओं ने यह स्वीकार किया कि बर्तन न मांजना पड़े, इसलिए बच्चों को कागज पर खाना परोसा गया।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि मासूम बच्चे जमीन पर बैठकर रद्दी कागज पर रखे चावल और सब्जी खा रहे हैं, जबकि शिक्षक और जिम्मेदार अधिकारी इस घोर लापरवाही पर आंख मूंदे बैठे रहे।
इस मामले ने एक बार फिर सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील व्यवस्था की वास्तविक स्थिति और निगरानी तंत्र की पोल खोल दी है।
📌 जिला कलेक्टर ने कहा – “मिड-डे मील योजना बच्चों के पोषण से जुड़ी है, इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
👉 जनता और अभिभावकों में आक्रोश:
इस घटना के बाद अभिभावकों और ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि “सरकार बच्चों को खाना देती है, लेकिन स्कूलों में जिम्मेदार ही उसे मजाक बना रहे हैं।”
