महू से दिल्ली तक: अल-फलाह विश्वविद्यालय के ट्रस्ट का रहस्य**

महू (इंदौर)। दिल्ली कार धमाके में जिस अल-फलाह विश्वविद्यालय का नाम सामने आया है, उसके पीछे का ट्रस्ट मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू नगर से जुड़ा हुआ है। महू निवासी जवाद अहमद सिद्दीकी ने लगभग ढाई दशक पहले महू में अल-फलाह ट्रस्ट की स्थापना की थी। इसके साथ ही वह चिट फंड कंपनी भी चलाता था।
**धोखाधड़ी के आरोप और फरार परिवार**
जांच में पता चला है कि जवाद पर धोखाधड़ी के आरोप लगे, जिसके बाद वह परिवार सहित महू से फरार हो गया। कुछ समय बाद ही उसने दिल्ली में अल-फलाह विश्वविद्यालय की स्थापना की।
महू के एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी ने बताया कि जवाद के परिवार और उनके संपर्कों के बारे में स्थानीय कायस्थ मोहल्ले और आसपास के क्षेत्र में पूछताछ की जा रही है। जवाद का घर कायस्थ मोहल्ले में था, लेकिन वह बहुत पहले बेच चुका था। इसके अलावा, जवाद ने इंदौर में लंबे समय तक शिक्षण कार्य भी किया।
**शिक्षा और कट्टरपंथी झुकाव**
जवाद का शैक्षणिक सफर भी काफी दिलचस्प रहा। उनके एक पूर्व विद्यार्थी के अनुसार, जवाद ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई गोविंदराम सेकसरिया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी एंड साइंस से की। इसके पहले उन्होंने महू के क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल, राजेश्वर विद्यालय, से 11वीं तक की पढ़ाई की।
जवाद कट्टर धार्मिक प्रवृत्ति का था और उसने सिविल सर्विसेज परीक्षा में तीन बार इंटरव्यू तक का सफर तय किया। इन अनुभवों और धार्मिक झुकाव के कारण ही जवाद ने अल-फलाह विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया।
**पुलिस की तलाश जारी**
अधिकारियों का कहना है कि जवाद और उनके परिवार के संपर्कों की तलाश अभी भी जारी है। महू और आसपास के लोगों से लगातार पूछताछ की जा रही है ताकि उनके पिछले कृत्यों और वर्तमान स्थिति का पता लगाया जा सके।
