पश्चिम एशिया तनाव के बीच इस्राइल को भारत से उम्मीद, कहा- इस साल आएंगे 10 हजार भारतीय पर्यटक
पश्चिम एशिया तनाव के बीच इस्राइल को भारत से बड़ी उम्मीद है। इस्राइल ने कहा है कि इस साल 10 हजार भारतीय पर्यटक इस्राइल आ सकते हैं। वहीं इस्राइल अगले साल भारतीय पर्यटकों के लिए ई-वीजा सुविधा शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इस्राइल पर्यटन मंत्रालय की भारत की मार्केटिंग निदेशक अमृता बंगेरा ने बताया कि इस साल अक्तूबर तक 8500 भारतीय पर्यटक इस्राइल की यात्रा कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि 2018 में 70,800 भारतीय पर्यटक इस्राइल घूमने गए थे। जबकि 2019 से 2021 तक कोविड के चलते पर्यटन थमा रहा। इसके बाद 2022 में 30900 भारतीय पर्यटकों ने इस्राइल की यात्रा की। जबकि 2023 में 41,800 भारतीय पर्यटक इस्राइल पहुंचे। बंगेरा ने कहा कि 2024 में अक्तूबर तक 8500 भारतीय पर्यटक इस्राइल जा चुके हैं। जबकि दिसंबर तक यह आंकड़ा 10 हजार के पार पहुंचने की उम्मीद है।
पर्यटकों के लिए सुरक्षित है इस्राइल
पश्चिम एशिया तनाव को लेकर अमृता बंगेरा ने दावा किया कि इस्राइल में पर्यटकों की पूरी सुरक्षा की जा रही है। संघर्ष केवल सीमावर्ती क्षेत्रों तक ही सीमित है। यहां पर्यटकों को जाने की अनुमति नहीं है। लेकिन यह जरूर है कि संघर्ष की खबरों ने पर्यटकों की आमद को प्रभावित किया है। लेकिन हमें उम्मीद है कि अगले साल स्थिति में सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि इस्राइल के पर्यटन मंत्रालय को भारतीय पर्यटकों से काफी उम्मीद है। मंत्रालय भारतीय ट्रैवल एजेंसियों के साथ भी जुड़ रहा है। इसके अलावा इस्राइल भारत से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अगले साल की शुरुआत में ई-वीजा कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहा है। बंगेरा ने कहा कि इस्राइल में 2019 में 40 लाख से ज्यादा पर्यटक दुनिया भर से आए। जबकि कोविड महामारी ने यात्रा को लगभग रोक दिया। इसके बाद 2022 में 26 लाख से अधिक और 2023 में 30 लाख से अधिक पर्यटक इस्राइल आए। 2024 में जनवरी और अक्तूबर के बीच 9.20 लाख पर्यटक इस्राइल आए हैं।
7 अक्तूबर 2023 को शुरू हुआ था युद्ध
इस्राइल और हमास में युद्ध तब शुरू हुआ जब 7 अक्तूबर, 2023 को हमास के लड़ाकों ने दक्षिणी इस्राइल में धावा बोल दिया, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे, और 250 अन्य का अपहरण कर लिया गया। एक जानकारी के अनुसार, लगभग 100 बंधक अभी भी गाजा के अंदर हैं, जिनमें से कम से कम एक तिहाई के मारे जाने का अनुमान है। बाकी में से ज्यादातर को पिछले साल संघर्ष विराम के दौरान रिहा कर दिया गया था।