दुश्मन के हवाई हथियार को पल भर में मात देगा डीआरडीओ का ये खास ड्रोन, 10 परीक्षण में 100% रहा सफल
डीआरडीओ के एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई) की तरफ से डिजाइन किए गए 'अभ्यास' ने सिस्टम की विश्वसनीयता को प्रदर्शित करते हुए दस विकासात्मक परीक्षण पूरे कर लिए हैं। इसका इस्तेमाल परीक्षण और अभ्यास सत्रों के दौरान मिसाइलों और अन्य पेलोड की तरफ से लक्ष्य बनाने के लिए हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट का उपयोग हवाई वस्तु के रूप में किया जाएगा। वहीं आज डीआरडीओ ने एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से बेहतर बूस्टर कॉन्फिगरेशन के साथ हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (हीट) - 'अभ्यास' के लगातार छह विकासात्मक परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
क्या है 'अभ्यास'?
अभ्यास एक ड्रोन है जिसे कई मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिये एक लक्ष्य के रूप में उपयोग किया जाएगा। वहीं आवश्यकता पड़ने पर इसका उपयोग नकली विमान के रूप में किया जा सकता है। बता दें कि नकली विमान की प्राथमिक भूमिका प्रक्षेपास्रों को विमान से दूर कर युद्धक विमानों की रक्षा करना होती है। यह एक छोटे गैस टरबाइन इंजन द्वारा संचालित है। इसमें मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिये उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर के साथ नेविगेशन के लिये एमईएमएस आधारित इनरट्रियल नेविगेशन सिस्टम है। डीआरडीओ के अनुसार, इस परीक्षण वाहन ने 5 किमी की ऊंचाई, 0.5 मैक की वाहन गति (ध्वनि की गति से आधी गति), 30 मिनट की सहनशक्ति और 2G टर्न आदि क्षमताओं के मापदंड को पूर्ण किया है।
एडीई ने अभ्यास को किया विकसित और डिजाइन
अभ्यास को वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) की तरफ से डिजाइन और विकसित किया गया है। इसमें लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम है जिसके साथ विमान को एकीकृत किया जा सकता है और उड़ान से पहले जांच, उड़ान के दौरान डेटा रिकॉर्डिंग, उड़ान के बाद रिप्ले और उड़ान के बाद विश्लेषण किया जा सकता है। वहीं अगर एडीई की बात करें तो एक प्रमुख वैमानिकी प्रणाली डिजाइन हाउस है जो भारतीय सैन्य बलों के लिये अत्याधुनिक मानवरहित एरियल व्हीकल्स और वैमानिकी प्रणाली और तकनीकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में जुटा है।