विदेश मंत्रालय बोला- पहले 100 दिन अहम कूटनीतिक पहुंच के प्रतीक, पांच देशों में नए दूतावास खुले
केंद्र की मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में भारत ने पांच नए दूतावास खोले हैं। ये दूतावास अल्बानिया, गाबोन, जॉर्जिया, लातविया और तिमोर-लेस्टे में खोले गए हैं। इसी अवधि में भारत ने ऑकलैंड और बार्सिलोना में एक-एक वाणिज्य दूतावास खोले हैं। यह जानकारी विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा तैयार किए गए एक दस्तावेज में दी गई है।
दस्तावेज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी में अगस्त में आयोजित तीसरे 'वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ' शिखर सम्मेलन का भी जिक्र किया गया है। इस सम्मेलन में 173 महत्वपूर्ण शख्सियतों ने भाग लिया, जिनमें 21 देशों के प्रमुख, 34 विदेश मंत्री और 118 मंत्री या उप-मंत्री शामिल थे।
शिखर सम्मेलन में मोदी ने वैश्विक दक्षिण के लिए एक मानव केंद्रित 'ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट' बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसका मकसद व्यापार को सुगम बनाना, प्रौद्योगिकियों का आदान-प्रदान और भारत की विकास यात्रा के आधार पर रियायती वित्तपोषण पोषण प्रदान करना है।
दस्तावेज में यह भी बताया गया है कि भारत ने श्रीलंका में समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी) का निर्माण किया। दोनों देशों के बीच फेरी सेवा को फिर से शुरू किया और मरम्मत के बाद जोरोस्र पोत को भारत ने सेशेल्स को सौंपा। इसके अलावा, दस्तावेज में मोदी के इटली (जी7), रूस, ऑस्ट्रिया, पोलैंड, यूक्रेन, सिंगापुर और ब्रुनेई के दौरों का भी जिक्र किया गया है।
इसमें कहा गया है कि भारत ने प्रधानमंत्री मोदी के सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण के अनुसार समुद्री सहयोग को मजबूत करना जारी रखा है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया और वियतनाम के साथ समुद्री सुरक्षा वार्ताएं भी आयोजित की हैं।
तीसरी बार पीएम बनने के बाद इन देशों का किया दौरा
विदेश मंत्रालय के मुताबिक लगातार तीसरी बार पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस और यूक्रेन समेत सात देशों का दौरा किया। तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद, उन्होंने सबसे पहले जून में इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर इटली में जी7 नेताओं की आउटरीच बैठक में भाग लिया। इससे पहले जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर रूस गए थे। पीएम मोदी ने अगस्त में पोलैंड और यूक्रेन का दौरा किया था। भारत की ओर से किसी प्रधानमंत्री का पोलैंड दौरा 45 साल बाद हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोलैंड से 10 घंटे की यात्रा करके युद्ध प्रभावित यूक्रेन का भी दौरा किया। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा है।
भुवनेश्वर और नागपुर में ई पासपोर्ट पायलट योजना की शुरुआत
विदेश में भारतीय नागरिकों के लिए पहुंच को आसान बनाने के लक्ष्य के साथ भुवनेश्वर और नागपुर में ई-पासपोर्ट पायलट परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इसके अलावा, ई-माइग्रेट मोबाइल एप, जो अब चालू है और सरकारी एप स्टोर और गूगल प्ले पर उपलब्ध है। इसका उद्देश्य विदेशी रोजगार प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। भारत ने विदेशों में भारतीय श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करने और उनके सुरक्षित प्रवास को सुनिश्चित करने के लिए मलेशिया के साथ एक श्रम गतिशीलता समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं।