ईपीसीएच ने मिलान में आयोजित एएफ-एल' आर्टिगिआनो इन फिएरा 2024 में भारतीय हस्तशिल्प की सर्वोत्तम प्रस्तुति की
नई दिल्ली : हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने इटली के मिलान में 30 नवंबर से 8 दिसंबर, 2024 तक आयोजित हो रहे एएफ-एल'आर्टिगिआनो इन फिएरा के 28वें संस्करण में एक विशेष भारतीय हस्तशिल्प पवेलियन (इंडिया पवेलियन) स्थापित किया है। इसमें भागीदारी से भारतीय निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से जुड़ने और भारत के विविध हस्तशिल्प उत्पादों का प्रदर्शन करने के लिए एक शानदार मंच हासिल होगा। इंडिया पवेलियन का औपचारिक उद्घाटन इटली के मिलान में भारत के महावाणिज्य दूत लावण्या कुमार, आर्टिगियानो के अध्यक्ष एंटोनियो इंटिग्लिएटा; सदस्य निर्यातकों, मास्टर शिल्पकारों; आईटीपीओ, पीडीईएक्ससीआईएल, एचईपीसी के अधिकारियों और आगंतुकों की उपस्थिति में किया।
इटली के मिलान में भारत के महावाणिज्यदूत श्री लावण्या कुमार ने इंडिया पवेलियन का उद्घाटन करते हुए भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक बाजारों में लाने और देश से हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे परिषद के निरंतर प्रयासों की सराहना की। महावाणिज्यदूत ने सदस्य प्रतिभागियों के साथ संवाद भी किया और मास्टर शिल्पकारों द्वारा किए जा रहे लाइव शिल्प प्रदर्शनों में अपनी खास रुचि दिखाई और व्यापार प्रचार की दिशा में भविष्य में हर संभव समर्थन देने का आश्वासन भी दिया।
ईपीसीएच के अध्यक्ष श्री दिलीप बैद ने कहा कि "एएफ - एल' आर्टिगियानो इन फिएरा" अंतरराष्ट्रीय शिल्प विक्रय प्रदर्शनी यूरोप का एक महत्वपूर्ण बी2सी (बिजनेस टू कस्टमर) खुदरा मेला है जो अद्वितीय हस्तशिल्पों को समर्पित है। मेले में 100 से अधिक देशों के 3,000 से अधिक प्रदर्शक और 10 लाख से अधिक आगंतुक आते हैं। ईपीसीएच नियमित रूप से मेले में भाग लेता है और हस्तशिल्प के पवेलियन की स्थापना करता है। भारत की भागीदारी मेले की जीवंतता और विविधता में योगदान करेगी, साथ ही यह मौजूदगी वैश्विक निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं और ब्रांडों को भारतीय टेक्सटाइल, होम फर्निशिंग और उपभोक्ता उत्पाद उद्योगों में ठोस उद्यमिता से परिचित कराएगी, जो भारत से सोर्सिंग के लिए नए अवसर खोलने का काम करेगी।
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि इस बार ईपीसीएच के 20 सदस्य निर्यातक ईपीसीएच इंडिया पवेलियन में भाग ले रहे हैं, जिसमें फैशन जूलरी और एक्सेसरीज, होम टेक्सटाइल और फर्निशिंग, बैग, शॉल, अगरबत्ती, मिनिएचर पेंटिंग्स इत्यादि उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए ईपीसीएच ने मास्टर शिल्पकारों द्वारा भारतीय पारंपरिक शिल्प के लाइव प्रदर्शन के साथ विशेष पवेलियन स्थापित किया गया है। जहां विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) के कार्यालय ने तेलंगाना से चांदी की नक्काशी, राजस्थान और कोलकाता से टेराकोटा शिल्प, उत्तर प्रदेश से लकड़ी की नक्काशी, असम से बेंत और बांस शिल्प, लखनऊ से चिकन कढ़ाई, कर्नाटक से बंजारा कढ़ाई और राजस्थान से चमड़े की मोजरी शिल्प के 10 मास्टर शिल्पकारों को नियुक्त किया है।
ईपीसीएच, भारत से दुनिया के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्पों के निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि पेश करने वाली एक नोडल संस्थान है। साल 2023-24 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 32,759 करोड़ रुपये (3,956 मिलियन अमेरिकी डॉलर) था, जो पिछले वर्ष के मुकाबले रुपये के संदर्भ में 9.13% और डॉलर के संदर्भ में 6.11% की वृद्धि दर्शाता है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने यह भी बताया कि साल 2023-24 के दौरान भारत से इटली को कुल 571.73 करोड़ रुपये (68.99 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के हस्तशिल्प वस्तुओं का निर्यात किया गया है।