प्रदूषण पर सख्ती 31 दिसंबर तक सभी उद्योगों को निगरानी प्रणाली लगाना अनिवार्य

नई दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने दिल्ली एनसीआर में चल रहे सभी उद्योगों को 31 दिसंबर तक ऑनलाइन सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणाली और वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरण अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिए हैं। तय समय सीमा का पालन न करने पर संबंधित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें बंद भी किया जा सकता है।
दिल्ली एनसीआर में इस समय ऐसे दो हजार दो सौ चौवन उद्योग सक्रिय हैं जिनमें यह प्रणाली नहीं लगी है। माना जा रहा है कि इनमें से अधिकतर उद्योग बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलाने वालों की श्रेणी में आते हैं।
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि राज्य सरकारें और नगरीय निकाय केवल प्रदूषण बढ़ने पर कार्रवाई न करें बल्कि पूरे वर्ष के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें और उस पर अमल सुनिश्चित करें। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस बात पर सवाल उठाए थे कि एजेंसियां हवा की स्थिति बिगड़ने के बाद ही सक्रिय होती हैं।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में बुधवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में दिल्ली और एनसीआर के राज्यों की तैयारियों और मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा की गई। समीक्षा के बाद मंत्री ने धूल और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए साप्ताहिक और मासिक कार्ययोजना बनाने को कहा ताकि सड़क निर्माण और संबंधित कार्य तेजी से पूरे किए जा सकें।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को भी सभी चिन्हित बासठ हाट स्पॉट पर स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अतिक्रमण हटाने, अवैध पार्किंग रोकने और व्यस्त समय में अतिरिक्त पुलिस तैनाती सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।
