बीजेपी का आरोप, कोरोना काल में 40 गुना बढ़ी केजरीवाल की कमाई, आप ने बताया मुद्दों से भटकाने की कोशिश
भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि कोरोना के जिस संकट काल में पूरी दुनिया की कमाई ठप पड़ गई थी, उस दौरान अरविंद केजरीवाल की कमाई में 40 गुना की वृद्धि हो गई, जबकि इस दौरान पूरी दुनिया में लोगों की नौकरियां जा रही थीं और लोगों की कमाई घट रही थी। पार्टी ने यह आरोप अरविंद केजरीवाल द्वारा चुनाव आयोग को दिए उनके हलफनामे के आधार पर लगाया है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने इसे मुद्दों से भटकाने की सोची-समझी रणनीति बताया है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जो हलफनामा चुनाव आयोग को दिया है, उसमें केवल विधायक वेतन को ही अपनी आय का स्रोत बताया है। लेकिन 2020-21 में बिना कोई अन्य आय स्त्रोत दिखाये उनकी आय में 40 गुणा की वृद्धि दिखाई गई है। इसी तरह 2023-24 में भी केजरीवाल की आय छः गुना अधिक दिखाई गई है। भाजपा ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को बताना चाहिए कि इस दौरान उनकी आय में वृद्धि कैसे हुई।
भाजपा का आरोप है कि 2013-14 से 2024-25 तक अरविंद केजरीवाल की जो बेसिक आय बनती है, वह उनके द्वारा 15 जनवरी 2025 को जमा किए गए हलफनामे से मेल नहीं खाता है। पार्टी ने कहा है कि एक विधायक और मुख्यमंत्री के रूप में आय होने के बाद भी केजरीवाल ने वर्ष 2019-20 में अपनी आय केवल 1,57,823 रुपए बताई है। यह टैक्सेबल बेसिक वेतन 3,60,000 रूपए प्रति वर्ष से भी कम है। भाजपा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को इसका कारण लोगों को बताना चाहिए।
इस पर सबसे बड़ा सवाल
केजरीवाल ने वर्ष 2019-20 में अपनी आय केवल 1,57,823 रुपए बताई है। लेकिन इसके अगले ही वर्ष यानी 2020-21 में अपनी आय पिछले वर्ष 2019-20 की आय 1,57,823 की तुलना में लगभग 40 गुणा बढ़ाकर 44, 90,040 रुपये दिखाई है। भाजपा ने कहा कि जिस समय में पूरी दुनिया की आय कम हो गई थी, उस दौरान अरविंद केजरीवाल की आय में यह बढ़ोतरी कैसे हुई, जनता को इसका जवाब मिलना चाहिए।
आम आदमी पार्टी ने कहा- भटकाने की साजिश
आम आदमी पार्टी नेता संजीव कौशिक ने अमर उजाला से कहा कि अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी पर कोई संदेह नहीं कर सकता। उनकी आय पर आज तक कोई सवाल खड़ा नहीं किया जा सका है। कौशिक ने कहा कि इस तरह के बेबुनियाद प्रश्न खड़ा करके भाजपा असली मुद्दों से लोगों को भटकाना चाहती है, इसलिए कभी केजरीवाल की आय पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं तो कभी दूसरे मुद्दे उठाकर लोगों को भटकाया जा रहा है।
संजीव कौशिक ने कहा कि असलियत यह है कि भाजपा के पास अरविंद केजरीवाल के सामने कोई मजबूत नेता नहीं है। वह चुनाव हार रही है और उसके पास आम आदमी पार्टी के सवालों का कोई जवाब नहीं है। भाजपा के पास केजरीवाल की लोकप्रिय योजनाओं का भी कोई विकल्प नहीं है। यही कारण है कि इधर-उधर के मुद्दे उठाकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है।