दो फैक्टरियों में 4.5 करोड़ की मिलीं 434 तरह की नकली दवाएं

दो फैक्टरियों में 4.5 करोड़ की मिलीं 434 तरह की नकली दवाएं
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सिकंदरा के शास्त्रीपुरम में दो अवैध फैक्टरियों में बन रही नकली दवा मामले की जांच पूरी हो गई है। यहां 434 तरह की दवाएं मिली हैं। इनकी कीमत करीब 4.30 करोड़ रुपये है। 60 घंटे से अधिक समय तक चली इस कार्रवाई में 49 दवाओं के नमूने लिए हैं। इनकी प्रयोगशाला में जांच कराई जाएगी। दवाओं को फैक्टरी में ही सील कर दिया है।

सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि शास्त्रीपुरम की दोनों फैक्टरी में 434 तरह की दवाई मिली हैं, जिसमें एंटीबायोटिक, पेट में कीड़े मारने की दवा, बुखार, दर्द निवारक दवाएं, इंजेक्शन और सिरप हैं। इनकी कीमत करीब 4.30 करोड रुपये आंकी गई है। अश्वनी गुप्ता की फैक्टरी से 25 तरह की दवाओं के नमूने लिए हैं। इसके यहां 234 तरह की दवाएं मिलीं और 25 नमूने लिए हैं । सौरभ दुबे की फैक्टरी में 200 तरह की दवाएं मिलीं हैं। यहां से 24 तरह की दवाओं के नमूने लिए हैं। यहां मिले कच्चा माल, तैयार दवाएं, खाली बोतल, रैपर, मशीनें, केमिकल समेत दोनों फैक्टरियों को सील कर दिया है।

सात जिलों के अधिकारियों ने की 60 घंटे तक कार्रवाई

पुलिस और औषधि विभाग की टीम को नकली दवा बनाने वाली दो फैक्टरियों पर कार्रवाई पूरा करने में 60 घंटे से अधिक समय लगा। मंगलवार की सुबह करीब 9 बजे से बृहस्पतिवार की रात 9 बजे तक कार्रवाई चलती रही। यहां दवाओं का भंडार देखते हुए आगरा, अलीगढ़ और कानपुर मंडल के 7 जिलों के औषधि विभाग के अधिकारी बुलाने पड़े। सभी दवाओं के बैच नंबर, निर्माता कंपनी समेत अन्य जानकारी दर्ज कर रिपोर्ट बनाई है।

कंप्यूटर-रिकॉर्ड से खरीद बिक्री करने वालों की भी जांच

सहायक आयुक्त औषधि ने बताया कि अश्वनी गुप्ता और सौरभ दुबे का नकली दवाओं का कालाकारोबार अफ्रीका और अफगानिस्तान तक है। देश में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान हरियाणा, पंजाब समेत अन्य राज्यों में भी इनको खपाता है। छापे में दोनों फैक्टरियों से रिकॉर्ड और कंप्यूटर भी मिले हैं। ये जिनसे दवा और कच्चा माल खरीद और दवाओं की बिक्री करते थे। इनकी भी जांच की जा रही है। संबंधित राज्यों को नकली दवाओं का विवरण भेज रहे हैं , जिससे वहां भी नमूने लेकर जांच करा सकें।

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