फिर महंगा हुआ प्याज ,लासलगांव में 5 साल के उच्चतम लेवल पर पहुंची कीमत
राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक में खरीफ फसल की क्वालिटी खराब होने के कारण प्याज की कीमतों में तेजी इस सप्ताह भी जारी रही। ये बढ़ोतरी ऐसे समय पर हुई है जब निर्यात मांग में भी तेजी आई है और पुरानी, महंगी फसल की मांग बढ़ गई है। नासिक के पिंपलगांव बाजार में सबसे अच्छे क्वालटी वाले प्याज की अधिकतम कीमत एक पखवाड़े (15 दिन) पहले के 51 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 70 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जबकि इसी अवधि के दौरान औसत मूल्य 51 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 58 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है।
निर्यात में भी आया उछाल
बांग्लादेश द्वारा प्याज पर आयात शुल्क हटाने से निर्यात में भी उछाल आया है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार ट्रेडर्स को उम्मीद है कि 8-10 दिनों के बाद ही कीमतों में गिरावट आएगी क्योंकि देश के अन्य हिस्सों में नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी।
पिछले हफ्ते नासिक के बेंचमार्क लासलगांव बाजार में प्याज की कीमतें 5 साल के उच्चतम स्तर को पार करते हुए 54 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गईं। ट्रेडर्स का मानना है कि कीमतों में बढ़ोतरी सप्लाई में गिरावट के चलते हुई है। दरअसल दिवाली के दौरान देश भर में कई दिनों तक थोक बाजार बंद रहे।
थोक कीमतों में 35% तक की बढ़ोतरी
बता दें कि पिछले हफ्ते प्याज का थोक रेट भी बढ़ा है। इसकी थोक कीमतों में 30-35% तक की वृद्धि दर्ज की गई। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार बागवानी उत्पाद निर्यातक संघ के उपाध्यक्ष विकास सिंह के मुताबिक आवक कम होने से कीमतों में तेजी है।
उनका कहना है कि पिछले साल की रबी फसल से जो प्याज स्टोर किया गया था उसका स्टॉक खत्म हो रहा है।
30 रु किलो तक घट सकते हैं दाम
उद्योग के जानकारों के अनुसार नवंबर के आखिर तक थोक बाजारों में प्याज की कीमतें घटकर 30 रुपये प्रति किलोग्राम तक आ सकती हैं। बीते रविवार को आवक में एक दिन पहले के मुकाबले 40% का इजाफा हुआ। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में भी जल्द ही आवक बढ़ सकती है। इससे कीमतें कम होंगी।