आज से संसद में तीनों गांधी: प्रियंका का 52 साल की उम्र में डेब्यू; संविधान की प्रति लेकर ली सांसद पद की शपथ

आज से संसद में तीनों गांधी: प्रियंका का 52 साल की उम्र में डेब्यू; संविधान की प्रति लेकर ली सांसद पद की शपथ
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केरल के वायनाड से उपचुनाव जीत कर आईं प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज संसद सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण की। प्रियंका गांधी जब पद और गोपनीयता की शपथ ले रही थीं, तो उनके भाई राहुल और मां सोनिया भी वहां बतौर सांसद मौजूद थीं। शपथ ग्रहण के बाद प्रियंका भी उन नेताओं की फेहरिस्त में शुमार हो गईं, जिनके परिवार का एक न एक सदस्य संसद के किसी भी सदन का सदस्य है। इसके अलावा एक रोचक तथ्य यह भी है कि आज से संसद में बतौर सांसद तीनों सोनिया गांधी , राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मौजूद रहेंगे। सोनिया राज्यसभा की सदस्य हैं, जबकि राहुल और प्रियंका लोकसभा की सदस्य हैं।

वायनाड में बड़ी जीत हासिल कर संसद में ली एंट्री

कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी ने हाल ही में वायनाड लोकसभा उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने के बाद उनकी बहन प्रियंका गांधी यहां चुनावी मैदान में उतरी थीं। करीब साढ़े तीन दशक का खुद का राजनीतिक अनुभव बताने वाली प्रियंका पहली बार चुनावी राजनीति में दाखिल हुईं और वायनाड से उपचुनाव लड़ा। वायनाड में प्रियंका ने माकपा के सत्यन मोकेरी को चार लाख से अधिक वोट से हराया।

प्रारंभिक जीवन की शुरुआत

प्रियंका गांधी का जन्म 12 जनवरी, 1972 को नई दिल्ली में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा की शुरुआत देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल से हुई थी। लेकिन 1984 में इंदिरा गांधी की मौत के बाद पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी और सुरक्षा कारणों से दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से 1989 तक अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। प्रियंका ने 1993 में दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की। वहीं, 2010 में यूनिवर्सिटी ऑफ संडरलैंड, यूके से दूरस्थ शिक्षा के जरिए बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा हासिल किया।

रॉबर्ट वाड्रा से की शादी

1997 में प्रियंका गांधी ने दिल्ली के व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा से शादी की। दोनों ने 12 साल की दोस्ती के बाद शादी की। प्रियंका गांधी के दो बच्चे हैं- रेहान वाड्रा (बेटा) और मिराया वाड्रा (बेटी) है।

राजनीतिक करियर की शुरुआत

प्रियंका गांधी ने सक्रिय राजनीति में काफी देरी से कदम रखा। इससे पहले वो केवल अपनी मां और भाई के लिए चुनाव प्रचार करती हुई नजर आती थीं। 2004 के लोकसभा चुनाव में वह अपनी मां सोनिया गांधी की चुनाव अभियान प्रबंधक थीं और अपने भाई राहुल गांधी के चुनाव प्रबंधन में मदद की।

23 जनवरी 2019 को प्रियंका औपचारिक रूप से राजनीति में आईं जब वो पार्टी महासचिव बनीं। इसके साथ ही प्रियंका गांधी पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी भी बनीं। 11 सितंबर 2020 में उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया। सक्रिय राजनीति का हिस्सा न होने के बाद भी प्रियंका ने अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया।

2022 उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के नेतृत्व में लड़ा। प्रियंका यूपी के चुनाव में 40% टिकट महिलाओं को देकर चर्चा में आईं। इसी चुनाव में प्रियंका गांधी ने ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ अभियान की शुरुआत से महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया। हालांकि, इन सब प्रयासों के बाद भी कांग्रेस पार्टी कुछ खास परफॉर्मेंस नहीं कर पाई थी। कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों पर सफलता मिली थी।

17 जून 2024 कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रियंका के वायनाड से चुनाव लड़ने का एलान किया। दरअसल, राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव में वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से चुनाव लड़े थे। वो दोनों ही सीटों पर जीत गए थे। इसके बाद उन्होंने रायबरेली सीट को चुना और वायनाड सीट खाली हो गई। वहां उपचुनाव करवाने पड़े जिसमें प्रियंका गांधी कांग्रेस का चेहरा बनीं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सक्रिय संसदीय राजनीति में कदम रख लिया है, इसका फैसला वायनाड के मतदाताओं ने उपचुनाव में कर दिया है। वायनाड सीट पर हुए उपचुनाव में प्रियंका ने 410931 लाख वोट से जीत हासिल की। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को 622338 वोट मिले थे। यहां दूसरे नंबर पर माकपा के सत्यन मोकेरी रहे, जिन्हें 211407 वोट मिले। वहीं तीसरे स्थान पर भाजपा की नाव्या हरिदास रहीं, जिन्हें 109939 वोट मिले हैं।

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