सावधान: ऑनलाइन जुए से किशोर सर्वाधिक प्रभावित, आत्महत्या और घरेलू हिंसा बढ़ा रही चिंता, भीलवाड़ा का भी जुड़ाव!
पहले क्रिकेट पर ही सट्टा समझा जाता था लेकिन अब ऑनलाइन में हर खेल पर सट्टा लगने लगा है ऐसे में युवा पीढ़ी भ्रमित होकर अपना जीवन नर्क बना रही है यही नहीं इससे घरों की शांति भंग हो रही है और कई लोग आत्महत्या कर चुके और इसके लिए मजबूर हो रहे है भीलवाड़ा में भी ऐसे कई मामले देखने को पहले मिल चुके हैं।आनलाइन कसीनो और खेलों में सट्टेबाजी का भी बड़ा बाजार बन चुका है। अनुमानित रूप से दुनिया में आठ करोड़ लोग जुए की दुष्रप्रवृत्ति या डिसआर्डर से ग्रस्त हैं, जिनमें सर्वाधिक संख्या किशोरो की हैं। भीलवाड़ा के कई सफेद पोस्ट लोग की इस काले धंधे से जुड़े हए हैं!
शोधकर्ता इसके असर को कम करने के लिए मजबूत वैश्विक नियामक नियंत्रण का आह्वान करते हैं। द लैंसेट पब्लिक हेल्थ कमीशन में शुक्रवार को प्रकाशित शोध के अनुसार आनलाइन जुआ विज्ञापनों का गेम की तरह डिजाइन और आसानी से पैसे कमाने का लालाच इनकी तरफ आकर्षित होने की मुख्य वजह है।
शोधकर्ताओं को पता चला कि दुनियाभर में लगभग 44.87 करोड़ वयस्क जोखिम वाले जुए का शिकार हो चुके हैं, जिनमें व्यवहार से जुड़ा लक्षण या जुए के हानिकारक व्यक्तिगत, सामाजिक या स्वास्थ्य परिणाम का सामना करना शामिल है। इनमें से, अनुमानित आठ करोड़ वयस्क जुआ दुष्प्रवत्ति या समस्याग्रस्त जुए का सामना करते हैं।
काफी आसान हो गया है ऑनलाइन जूआ
जुए और जुए से होने वाले नुकसान एक वैश्विक घटना के रूप में और भी अधिक व्यापक हो जाएंगे और इससे निपटना बहुत कठिन हो जाएगा।
अब नई नीति का लाने का समय
यूनिवर्सिटास इंडोनेशिया की आयुक्त डॉ. क्रिस्टियाना सिस्टे ने नीति निर्माताओं से "बच्चों को जुए के नुकसान से बचाने के लिए कार्रवाई करने" का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जुए के शुरुआती संपर्क में आने से जीवन में बाद में जुआ संबंधी विकार विकसित होने का खतरा स्पष्ट रूप से बढ़ जाता है। आयोग ने नीति निर्माताओं से जुए को शराब और तंबाकू की तरह ही एक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा मानने और अगली पीढ़ी को जुए से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए नीति लाने का आग्रह किया।
भीलवाड़ा के लोगों का भी जुड़ाव !
जानकारों कि माने तो भीलवाड़ा के कई सफेदपोश लोग इस काले धंधे से जुडे है और वे अब विदेशों से इस खेल को संचालित कर रहे हैं यहां आईडी बांटने का काम भी व्यापक पैमाने पर होता है ऐसे लोगों की जड़े भीलवाड़ा ही नहीं राजस्थान बल्कि पूरे देश में फैली हुई है।