एक देश, एक चुनाव का संजय राउत ने किया विरोध; अजित पवार पर लगा एनसीपी शरद में दलबदल कराने का आरोप
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक एक ही पार्टी और नेता के तहत एक समेकित राजनीतिक व्यवस्था का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। इसके अलावा उन्होंने अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी पर दलबदल कराने की कोशिश कराने का आरोप लगाया है।
एक देश एक चुनाव विधेयक पर संजय राउत ने कहा कि एक देश, एक चुनाव विधेयक से एक पार्टी, एक चुनाव और एक नेता, एक चुनाव को बढ़ावा मिलेगा। इसलिए हम सभी विपक्षी गठबंधन इंडिया के सदस्यों ने विधेयक का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि एक देश एक चुनाव पर जेपीसी की बैठक में विपक्ष सक्रिय रूप से भाग लेगा। विधेयक जेपीसी को भेज दिया गया है। आज इसकी पहली बैठक हो रही है और हमारे सभी लोग उस बैठक में भाग लेंगे।
एक देश एक चुनाव को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने कहा कि जेपीसी का प्रयास विधेयक की निष्पक्ष जांच करना होगा। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि संसदीय पैनल इस मामले में प्रत्येक हितधारक की बात सुनेगा। आज पहले दिन सदस्यों को संबंधित मंत्रालय द्वारा जानकारी दी जाएगी। आगे कैसे बढ़ना है इस पर हम सबकी राय लेंगे। जेपीसी को एक देश एक चुनाव की जांच करनी है, जिसमें लोकसभा के सदस्यों में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और मनीष तिवारी, राकांपा-एसपी नेता सुप्रिया सुले, टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी और भाजपा के पीपी चौधरी बांसुरी स्वराज और अनुराग सिंह ठाकुर शामिल हैं। राज्यसभा के सदस्य भी इस पैनल का हिस्सा हैं।
अजित पवार के संपर्क में एनसीपी (शरद) के सांसद: राउत
शिवसेना नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रतिद्वंद्वी राकांपा (शरद) में दलबदल कराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने एनसीपी शरद के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल होने के बदले केंद्र में मंत्री पद देने का वादा किया है। एनसीपी शरद के कुछ लोकसभा सदस्य महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के संपर्क में हैं। राउत ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और तटकरे को शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट में दलबदल कराने का काम सौंपा गया था। एनसीपी को केंद्र सरकार में तब तक कोई पद नहीं मिलेगा जब तक कि वह शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट से दलबदल कराने में कामयाब नहीं हो जाती।
एनसीपी शरद के विधायक ने भी लगाए आरोप
वहीं एनसीपी शरद के विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री जितेंद्र अवहाद ने भी आरोप लगाया कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के राज्य प्रमुख सुनील तटकरे ने प्रतिद्वंद्वी गुट के सांसदों से पिता और बेटी को छोड़ने के लिए कहा था। अगर दोनों एनसीपी को एक साथ आना है, तो सुनील तटकरे ने हमारे लोकसभा सदस्यों को पक्ष बदलने का प्रस्ताव क्यों दिया? मुझे लगता है कि तटकरे खुद नहीं चाहते कि दोनों पवार फिर से एक हो जाएं।
एनसीपी का मिलन कराने का उद्देश्य भाजपा के सहयोगी और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार को यह संदेश देकर दबाव डालना था कि केंद्र में भाजपा सरकार को अन्य हलकों से समर्थन मिल सकता है।