चीन ने पाकिस्तान को दी थी सैटेलाइट मदद, भारतीय थिंक टैंक का खुलासा; दो मोर्चों पर लड़ाई की बढ़ी आशंका

भारत पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष में चीन ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था, लेकिन अब खुलासा हुआ है कि चीन ने पाकिस्तान को कूटनीतिक ही नहीं बल्कि सैन्य समर्थन भी दिया था और चीन ने पाकिस्तानी सेना को सैटेलाइट सपोर्ट भी दिया था। ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में एक भारतीय थिंक टैंक के हवाले से यह दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम और रडार को सही जगह पर तैनात करने के लिए अपनी सैटेलाइट्स की मदद दी थी, ताकि भारत की जवाबी कार्रवाई से बचा जा सके।
चीन ने खुलकर की पाकिस्तान की मदद
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब भारत की सरकार पाकिस्तान के खिलाफ बदले की कार्रवाई की योजना बना रही थी, उसी 15 दिन के अंतराल के बीच चीन ने पाकिस्तान को अपने उपग्रहों की मदद दी थी ताकि भारत के हथियारों की तैनाती का पता चल सके। भारत के थिंक टैंक 'सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज' से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि चीन की सैटेलाइट मदद से पाकिस्तान को अपना एयर डिफेंस सिस्टम और रडार फिर से व्यवस्थित करने में मदद मिली। साथ ही चीन ने पाकिस्तान को एयर डिफेंस सिस्टम भी दिया था। भारत सरकार ने सार्वजनिक तौर पर संघर्ष में चीन के शामिल होने की बात नहीं की है, लेकिन पाकिस्तान ने कहा है कि उसने लड़ाई में चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया।
भारतीय थिंक टैंक ने कहा कि इससे साफ है कि चीन ने कूटनीतिक समर्थन से आगे बढ़कर पाकिस्तान को लॉजिस्टिक और खुफिया मदद के अलावा सैन्य मदद भी मुहैया कराई। इस रिपोर्ट की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज ने यह जानकारी दी है, उसके एडवाइजरी बोर्ड में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारत की तीनों सेनाओं के शीर्ष कमांडर शामिल हैं।
चीन के एयर डिफेंस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इस मुद्दे पर अभी तक चीन, भारत या पाकिस्तान की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार सोमवार को चीन दौरे पर भी गए हैं। थिंक टैंक से जुड़े कुमार ने बताया कि चीन ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान एक तरह से अपने हथियारों का परीक्षण करने की कोशिश की, लेकिन चीन के एयर डिफेंस सिस्टम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। वहीं भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने उल्लेखनीय काम किया और पाकिस्तान के लगभग हर हवाई हमले को असफल कर दिया।
दो मोर्चों पर लड़ाई की बढ़ी आशंका
कुमार ने कहा कि भारत को पहले भी दो मोर्चों पर लड़ाई की आशंका थी, लेकिन अब जिस तरह से चीन ने पाकिस्तान का समर्थन किया है, उससे यह आशंका और बढ़ गई है और भारत भी अब इस दिशा में योजना बना रहा है। कुमार ने कहा कि जब तक हालात बेहद संवेदनशील न हो, तब तक चीन के पाकिस्तान की मदद करने की आशंका कम ही है, लेकिन अगर भारत और चीन का संघर्ष होता है तो पाकिस्तान जरूर चीन के समर्थन में उतर सकता है।
बीती 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। भारत ने 6-7 मई की रात बदले की कार्रवाई के तहत पाकिस्तान स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिससे भारत और पाकिस्तान में संघर्ष शुरू हो गया। संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर हवाई हमले किए, लेकिन भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम से सभी हमलों को नाकाम कर दिया। इसके बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कई सैन्य अड्डों और एयर बेस पर हवाई हमले किए। 10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम हो गया।