मिल गया निमिषा प्रिया को जीवनदान, मौत की सजा रद

सना। यमन में हत्या के एक मामले में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया को जीवनदान मिल गया है। अबूबकर मुसलियार भारतीय ग्रैंड मुफ्ती और ऑल इंडिया जमीयतुल उलेमा के कार्यालय ने कहा कि निमिषा प्रिया की मौत की सजा को रद कर दिया गया है।
इससे पहले यमन की हूती सरकार ने निमिषा की मौत की सजा को निलंबित किया था। सना में आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में पहले से अस्थायी रूप से निलंबित मौत की सजा को पूरी तरह से रद करने का फैसला किया गया।"
16 जुलाई को निमिषा प्रिया को सजा-ए-मौत दी जानी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया। भारत सरकार ने तलाल अब्दो मेहदी के परिवार को ब्लड मनी की पेशकश की है, लेकिन परिवार इसके लिए तैयार नहीं था।
केरल की निमिषा प्रिया कैसे पहुंची यमन?
इस कहानी की शुरुआत होती है साल 2018 से, जब निमिषा 18 साल की थी। निमिषा की मां दूसरे के घरों में काम करती थी। मां-बेटी का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। किसी तरह निमिषा ने नर्सिंग का कोर्स किया था। हालांकि, केरल में उसे नर्सिंग की नौकरी नहीं मिली।
इसके बाद निमिषा को पता चला कि यमन में नर्सिंग के अच्छे अवसर हैं। 19 वर्ष की निमिषा अच्छे भविष्य के लिए यमन जाने के लिए तैयार हो गई। उस समय यमन में शांति थी। यमन में निमिषा को सरकारी अस्पताल में नौकरी भी मिल गई