सपा के सामने बड़ी चुनौती: BJP ने अखिलेश यादव के बहनोई को चुनावी पिच पर उतारा

सपा के सामने बड़ी चुनौती: BJP ने अखिलेश यादव के बहनोई को चुनावी पिच पर उतारा
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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की करहल सीट पर होने वाले उपचुनाव ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. BJP ने इस सीट के लिए अनुजेश यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है, जो मुलायम सिंह यादव के भाई अभय राम यादव के दामाद हैं. इस तरह से अनुजेश प्रताप यादव सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बहनोई हुए. यह चुनाव सपा के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, क्योंकि BJP ने सीधे सैफई परिवार के करीबी को मैदान में उतारा है.

अनुजेश यादव का बैकग्राउंड

अनुजेश यादव, सांसद धर्मेंद्र यादव के सगे बहनोई हैं. धर्मेंद्र यादव की बहन संध्या उर्फ बेबी यादव, 2015 से 2020 तक मैनपुरी की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं. अनुजेश भी राजनीतिक पृष्ठभूमि से आते हैं, क्योंकि उन्होंने फिरोजाबाद से जिला पंचायत सदस्य के रूप में काम किया है. ऐसे में उनका अनुभव और पारिवारिक संबंध सपा के खिलाफ उनकी ताकत बढ़ा सकते हैं.

सैफई परिवार के खिलाफ BJP की चाल

BJP का यह कदम सैफई परिवार के खिलाफ एक रणनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है. अनुजेश यादव का मुकाबला सपा के तेजप्रताप यादव से होगा, जो मुलायम सिंह यादव के पोते हैं. यह चुनाव न केवल करहल की सीट के लिए, बल्कि सपा और BJP के बीच राजनीतिक शक्ति संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण होगा.

चुनावी तारीख और सियासी जोड़तोड़

उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. चुनावी माहौल में विभिन्न दलों के बीच जोड़तोड़ और सियासी समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं. अनुजेश यादव की टिकट की घोषणा के बाद से सपा में बेचैनी है, और वे अब अपनी रणनीतियों को फिर से देख रहे हैं.

आगे क्या होगा?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि BJP की इस नई चाल का सपा पर क्या असर होता है. क्या सपा अपने पारिवारिक रिश्तों और राजनीतिक अनुभव के साथ इस चुनौती का सामना कर पाएगी? या फिर BJP इस चुनाव में अपनी ताकत साबित करने में सफल होगी? इस चुनाव के नतीजे केवल करहल की सीट नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ भी ला सकते हैं.

चुनावों की गर्मी और सियासी जोड़तोड़ के बीच, मैनपुरी की करहल सीट पर नजरें टिक गई हैं.

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