'विवादों का समाधान बातचीत-कूटनीति से होना चाहिए', BRICS में बोले विदेश मंत्री जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस के कजान में ब्रिक्स के आउटरीच सेशन में पीएम मोदी की ओर से शामिल हुए. इसमें उन्होंने कहा कि संघर्ष और तनाव से तरीके से निपटने के लिए विशेष जरूरत है. विवादों और मतभेदों का समाधान बातचीत और कूटनीति के जरिए करना चाहिए. एक बार जब सहमति बन जाए तो उसका ईमानदारी से पालन होना चाहिए. उन्होंने ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर में खामियों को सही करने पर जोर दिया. साथ ही कहा कि क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि विश्व कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहा है. दुनिया को चुनौतियों पर नए सिरे से विचार करने के लिए तैयार रहना चाहिए. हम सबका यहां एकत्रित होना इस बात का संदेश है कि हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं. अपने संबोधन में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के कथन यह युद्ध का युग नहीं है को दोहराया.
आतंकवाद को बर्दाश्त न करने वाला रुख हो
विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जोर दिया है कि यह युद्ध का युग नहीं है. विवाद और मतभेद का समाधान बातचीत व कूटनीति से निकालना चाहिए. बिना किसी अपवाद के अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन होना चाहिए. आतंकवाद के खिलाफ एक राय होनी चाहिए. इसे बर्दाश्त न करने वाला रुख होना चाहिए.
सभी की भलाई के लिए सामूहिक प्रयास हों
उन्होंने कहा कि आज पश्चिम एशिया में हालात चिंताजनक हैं. इससे समझा जा सकता है. ब्रिक्स फोरम को यह समझना होगा कि वैश्वीकरण के फायदे बहुत असमान रहे हैं. कोविड और अनेक संघर्षों ने ग्लोबल साउथ के बोझ को बढ़ा दिया है. सभी की भलाई के लिए सामूहिक प्रयास होने चाहिए.
उन्होंने बहुपक्षीय मंचों को मजबूत करने और उनका विस्तार करने का जोर दिया. साथ ही बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार के भारत के अपनाए गए रुख को दोहराया. ब्रिक्स सम्मेलन के आखिरी दिन आउटरीच/ब्रिक्स प्लस बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और दुनियाभर के 20 से अधिक नेताओं ने हिस्सा लिया.