हरित युग के लिए मिलकर करें प्रयास- PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन में कहा कि हमें प्रौद्योगिकी को रचनात्मक बनाना होगा, विघटनकारी नहीं। तभी हम समावेशी समाज की नींव रख पाएंगे। भारत मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से बेहतर भविष्य के लिए प्रयास कर रहा है।
मोदी ने कहा कि हम एआई को लेकर राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले शुरुआती कुछ देशों में शामिल हैं। पिछले वर्ष भारत द्वारा आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हमने एआई के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय शासन-प्रणाली के महत्त्व पर जोर दिया था।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का दृष्टिकोण चार सिद्धांतों – उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता पर आधारित है। हम 2070 तक ‘नेट जीरो’ का लक्ष्य हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। मोदी ने वैश्विक नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें मिलकर आने वाले समय को ‘हरित युग’ बनाने का प्रयास करना चाहिए।
दुनिया के सात सर्वाधिक संपन्न देशों का समूह जी- 7 जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करेगा और ऊर्जा के बदलते स्रोतों को अपनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाएगा। इटली में आयोजित इस सम्मेलन की समाप्ति पर समूह की तरफ से जारी मसौदा बयान में यह बात कही गई है।
मसौदे में कहा गया है, ‘हम जीवाश्म ईंधन पर धीरे-धीरे व्यवस्थि ढंग से निर्भरता कम करेंगे। वर्ष 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए इस दशक में हम मिलकर गंभीरता से प्रयास करेंगे।’
इस दस्तावेज में कहा गया है कि 2035 तक कोयला आधारित बिजली उत्पादन में कटौती की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। अप्रैल में जी-7 देशों के वित्त मंत्री इस प्रस्ताव पर सहमत हुए थे।