गरीबी में जन्मे मोदी ने कभी नकारात्मकता नहीं पाली, कड़ी मेहनत की...', PM के गृहनगर में बोले शाह

गरीबी में जन्मे मोदी ने कभी नकारात्मकता नहीं पाली, कड़ी मेहनत की..., PM के गृहनगर में बोले शाह
X

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद कभी भी नकारात्मकता को अपने जीवन का हिस्सा नहीं बनाया। उन्होंने अपनी गरीबी को जरूरतमंदों के प्रति सहानुभूति में बदला और लोगों की भलाई के लिए कड़ी मेहनत की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को यह बात कही।

तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का किया शुभारंभ

शाह ने कहा कि मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद गरीब लोगों की जिंदगी को बदलने के लिए मकान, शौचालय, पानी, गैस और बिजली कनेक्शन, सस्ती दवाइयां और मुफ्त राशन जैसी सुविधाएं प्रदान की हैं। गृह मंत्री शाह मेहसाणा में पीएम मोदी के गृहक्षेत्र वड़नगर में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शुभारंभ किया, जिसमें एक पुनर्विकसित स्कूल भी शामिल है, जहां प्रधानमंत्री ने अपनी प्राथमिक शिक्षा हासिल की थी। यह स्कूल साल 1888 में बनाया गया था।

गृह मंत्री ने कहा, 'मनोविज्ञान में सिखाया जाता है कि जो बच्चा गरीबी और अभाव में अपना बचपन बिताता है,वह नकारात्मकता से प्रेरित होता है। ऐसे बच्चे विनाशकारी सोच और बदले की भावना के साथ बढ़े होते हैं। लेकिन एक गरीब चायवाले के परिवार में जन्म लेने वाले पीएम मोदी ने अपनी गरीबी को जरूरतमंदों के प्रति करुणा में बदल दिया।'

'बिना नकारात्मकता के प्रतिभाशाली बच्चा ही कर सकता है भलाई'

उन्होंने आगे कहा, 'जब वह गरीब बच्चा (नरेंद्र मोदी) राज्य का मुख्यमंत्री और फिर देश का प्रधानमंत्री बना, तो उसने कभी भी नकारात्मकता को अपने मन में स्थान नहीं दिया। उसने पूरे देश के गरीबों के लिए काम किया, ताकि कोई और बच्चा उस प्रकार की गरीबी का सामना न करे, जिसका उसने सामना किया था। उन्होंने आगे कहा, जीवन के शुरुआती वर्षों में मुश्किलों को झेलने के बाद केवल ईश्वर प्रदत्त (गॉड गिफ्टेड) और प्रतिभाशाली बच्चा ही बिना किसी नकारात्मकता के पूरे समाज की भलाई की सोच सकता है।'

'गुजरात में घट गई छात्रों के स्कूल छोड़ने की दर'

इस कार्यक्रम के दौरान शाह ने एक पुरातात्विक संग्रहालय और एक खेल परिसर का उद्घाटन भी किया। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जब मोदी 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्होंने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी थी। उनके प्रयासों के कारण छात्रों के स्कूल छोड़ने की दर 2014 में घटकर केवल एक फीसदी रह गई, जो उनके मुख्यमंत्री का पद संभालते वक्त 37 फीसदी थी। उन्होंने गुजरात के हर कोने में जाकर लोगों की समस्याओं को समझा और मुख्यमंत्री बनने के बाद उन समस्याओं का समाधान किया।

'सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की बात करते थे पीएम मोदी'

शाह ने याद करते हुए कहा कि मोदी जब अपने सियासी सफर की शुरुआत में भारत के सांस्कृतिक पुनर्निर्माण और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की बात करते थे, तो भाजपा कार्यकर्ताओं को यह समझ नहीं आता था कि यह कैसे वास्तविकता बनेगा। राम लला 500 साल से एक तंबू में थे। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सपना सच हुआ। इसी तरह जम्मू और कश्मीर में अुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद यह वास्तव में भारत का अभिन्न अंग बन गया।

Next Story